अप्रेल 2022 में समूल नष्ट होगा
पंडित राजेन्द्र कुमार शर्मा (भीम वाले) के अनुसार इंडिया की राशि से जन्म का राहू व १२वां सूर्य होने से कोरोना रोग ने फिर से जोर पकड़ा है। सूर्य 15 मई 2021 तक रहेगा। बाद में राहु+सूर्य+शुक्र+बुध चारों ग्रहों का संयोग बनेगा। वह भी इंडिया के लिए कमजोर रहेगा। 15 जून 2021 को राहु+सूर्य का संयोग खत्म होगा। सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। उसके बाद कोरोना का प्रकोप कम होगा। व्यापार में केतु के सप्तम स्थान में होने से कई व्यापारियों को नुकसान का योग बनेगा। अप्रेल 2022 में राहु+केतु के परिवर्तन के बाद कोरोना पूरी तरह इंडिया के साथ विश्व से खत्म हो जाएगा। शर्मा ने बताया कि मैप के अनुसार इंडिया और वल्र्ड दोनों की एक ही राशि वृषभ है। अप्रेल 2022 तक कोरोना समूल नष्ट हो जाएगा।
पंडित राजेन्द्र कुमार शर्मा (भीम वाले) के अनुसार इंडिया की राशि से जन्म का राहू व १२वां सूर्य होने से कोरोना रोग ने फिर से जोर पकड़ा है। सूर्य 15 मई 2021 तक रहेगा। बाद में राहु+सूर्य+शुक्र+बुध चारों ग्रहों का संयोग बनेगा। वह भी इंडिया के लिए कमजोर रहेगा। 15 जून 2021 को राहु+सूर्य का संयोग खत्म होगा। सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। उसके बाद कोरोना का प्रकोप कम होगा। व्यापार में केतु के सप्तम स्थान में होने से कई व्यापारियों को नुकसान का योग बनेगा। अप्रेल 2022 में राहु+केतु के परिवर्तन के बाद कोरोना पूरी तरह इंडिया के साथ विश्व से खत्म हो जाएगा। शर्मा ने बताया कि मैप के अनुसार इंडिया और वल्र्ड दोनों की एक ही राशि वृषभ है। अप्रेल 2022 तक कोरोना समूल नष्ट हो जाएगा।
जून के बाद मिलेगी थोड़ी राहत
पंडित तेजप्रकाश दवे ने बताया कि जून २०२१ तक कोरोना प्रभावी रहेगा। जून के बाद कुछ राहत मिलेगी। कोरोना का खात्मा जून 2022 के बाद ही होगा। लोगों को धर्म के प्रति विश्वास रखना होगा। इंडिया व वल्र्ड की राशि एक ही होने के कारण कोरोना का प्रभाव विश्व में जून 2021 तक पूरे चरम पर रहेगा। जून के बाद कोरोना का प्रभाव कमजोर पड़ेगा। दवे ने कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ का परिणाम ही है कि लोग घरों में कैद हैं। लोगों को अधिकाधिक प्राकृतिक चीजों का उपयोग करना चाहिए। लोग अब भी नहीं सुधरे तो आने वाली पीढ़ी को परिणाम भुगतने होंगे। महामारी से बचने के लिए लोगों को अधिकाधिक पौधे लगाने चाहिए।
पंडित तेजप्रकाश दवे ने बताया कि जून २०२१ तक कोरोना प्रभावी रहेगा। जून के बाद कुछ राहत मिलेगी। कोरोना का खात्मा जून 2022 के बाद ही होगा। लोगों को धर्म के प्रति विश्वास रखना होगा। इंडिया व वल्र्ड की राशि एक ही होने के कारण कोरोना का प्रभाव विश्व में जून 2021 तक पूरे चरम पर रहेगा। जून के बाद कोरोना का प्रभाव कमजोर पड़ेगा। दवे ने कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ का परिणाम ही है कि लोग घरों में कैद हैं। लोगों को अधिकाधिक प्राकृतिक चीजों का उपयोग करना चाहिए। लोग अब भी नहीं सुधरे तो आने वाली पीढ़ी को परिणाम भुगतने होंगे। महामारी से बचने के लिए लोगों को अधिकाधिक पौधे लगाने चाहिए।
11 मई तक स्थिति भयावह
पंडित द्वारकानाथ शर्मा ने कहा कि कोरोना भारत में दिसम्बर 2019 में शुरू हुआ था। इसका सर्वाधिक असर फरवरी 2020 से शुरू हुआ और सितम्बर 2020 तक चला। इसके बाद कोरोना कमजोर पड़ा। मार्च 2021 में कोरोना शुरू हुआ और 13 अप्रेल से प्रवाह बहुत तेज हो गया। कोरोना का भयावह रूप 11 मई तक जारी रहेगा। इसके बाद कमजोर पडऩे लगेगा। जून 2021 में कोरोना काफी कम हो जाएगा। इक्का दुक्का ही मरीज दिखाई देंगे। शर्मा की मानें तो कोरोना से मनुष्य से ज्यादा अर्थव्यवस्था, व्यापार पर प्रभाव पड़ा है। 120 साल बाद महामारी की साइकिल घूमी है। इससे अर्थव्यवस्था चौपट हुई है। 2 जून 2021 के बाद अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आने लगेगी और कुछ समय में व्यापार भी गति पकड़ेगा।
पंडित द्वारकानाथ शर्मा ने कहा कि कोरोना भारत में दिसम्बर 2019 में शुरू हुआ था। इसका सर्वाधिक असर फरवरी 2020 से शुरू हुआ और सितम्बर 2020 तक चला। इसके बाद कोरोना कमजोर पड़ा। मार्च 2021 में कोरोना शुरू हुआ और 13 अप्रेल से प्रवाह बहुत तेज हो गया। कोरोना का भयावह रूप 11 मई तक जारी रहेगा। इसके बाद कमजोर पडऩे लगेगा। जून 2021 में कोरोना काफी कम हो जाएगा। इक्का दुक्का ही मरीज दिखाई देंगे। शर्मा की मानें तो कोरोना से मनुष्य से ज्यादा अर्थव्यवस्था, व्यापार पर प्रभाव पड़ा है। 120 साल बाद महामारी की साइकिल घूमी है। इससे अर्थव्यवस्था चौपट हुई है। 2 जून 2021 के बाद अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आने लगेगी और कुछ समय में व्यापार भी गति पकड़ेगा।