नवपद की आराधना व क्रिया से श्रावक का उत्थान उन्होंने कहा कि सद्गुरु के संपर्क में रहने से श्रावक के जीवन में परिवर्तन आता है। नवपद की आराधना व क्रिया से श्रावक का उत्थान होता है।
ध्यान करके स्थूल मोह को मिटाना चाहिए आत्मा शुद्धि के लिए धर्म करना आवश्यक है। मोह सभी दुखों का मूल है। ध्यान करके स्थूल मोह को मिटाना चाहिए। इस दौरान पाश्र्व वाटिका एसोसिएशन मैसूरु के अध्यक्ष धनराज ढेलड़ीया,सचिव सुरेश कुमार लुंकड़, सद्स्य संतोष गौवाणी, सुमेरमल जैन, बाबूलाल सालेचा, सुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष भेरुमल राठोड़, सचिव कांतिलाल गुलेचा, ट्रस्टी हंसराज पगारिया,प्रकाश सालेचा,पारसमल सिंघवी, राजेंद्र सूरी जैन ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष भंवरलाल दांतेवाड़ीया, पाश्र्व पद्मावती ट्रस्ट के अध्यक्ष दलीचंद आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।