बेंगलूरु. घर की पहली मंजिल से गिरने के बाद उपचार के दौरान ब्रेन डेड प्रमाणित आंध्र प्रदेश के लेखा परीक्षक रविश (परिवर्तित नाम) के परिजनों द्वारा दान किए गए उसके अंगों से चार मरीजों को नई जिंदगी मिली। इनमें दो मरीज बेंगलूरु और दो आंध्र प्रदेश के हैं।
चिकित्सकों के अनुसार अनंतपुर में कार्यरत रविश नौ अप्रेल को अपने जुड़वा नवजात को देखने अपनी पत्नी के घर गया था। लेकिन घर की पहली मंजिल से वह नीचे गिर पड़ा। जिसके बाद ऑपरेशन के लिए उसे बेंगलूरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।
रविश की याद में परिजनों ने उसका यकृत, दोनों गुर्दा और हृदय वाल्व दान कर दिया। परिजनों ने कहा, रविश हमेशा किसी के काम आने की सलाह दिया करता था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित प्रदेश प्रत्यारोपण प्राधिकरण जीव सार्थकते की अगुवाई में अंगदान और प्रत्यारोपण प्रक्रिया पूरी हुई।