भगवान पाश्र्वनाथ के नाम से आत्मशक्ति का जागरण: मुनि सुधाकर
महा अनुष्ठान का आयोजन

मंड्या. जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा व सुमतिनाथ जैन मूर्तिपूजक संघ के संयुक्त तत्वावधान में मुनि सुधाकर के सान्निध्य में भगवान पाŸवनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर भगवान पाश्र्वनाथ से संबंधित रिद्धि सिद्धि मंत्रों का महा अनुष्ठान का आयोजन किया गया।
मुनि सुधाकर ने कहा कि कलियुग में कल्पवृक्ष चिंतामणि का नाम है भगवान पाश्र्वनाथ। कल्याण के निलय, मनोवांछित देने वाले, पाप का भेदन करने वाले, भयभीत व्यक्तियों को अभय देने वाले, सर्वदोष रहित, संसार - सागर में डूबते हुए समस्त प्राणियों के लिए पोत तुल्य शक्ति का नाम है भगवान पाश्र्वनाथ।
मुनि ने कहा कि भगवान पाश्र्वनाथ का नाम जन्म जन्म के संचित, अशुभ कर्मों का नाश और आत्मशक्ति का जागरण करता है। अंधविश्वासों के अंधकार को मिटाकर अध्यात्म का सघन प्रकाश करता है। पाश्र्वनाथ के मंत्र रिद्धि और सिद्धि के प्रदाता हैं।
मुनि ने भगवान पाश्र्वनाथ के जीवन का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान पाश्र्वनाथ का जीवन हिंसा पर अहिंसा, अधर्म पर धर्म की विजय की यात्रा का नाम है। मुनि ने भगवान पाश्र्वनाथ के मंत्रों व स्तोत्रों का अनुष्ठान कराया।
मुनि नरेश कुमार ने कहा कि जो पाश्र्वनाथ की उपासना करता है उसके दुष्ट ग्रह, भीषण रोग सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते हैं।
महा अनुष्ठान में मूर्तिपूजक संघ की साध्वी अरिष्ट रत्ना आदि ठाणा भी उपस्थित थे। मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष सज्जन राज, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष खजूरीलाल रायसोनी, मंत्री नरेंद्र दक, महिला मंडल अध्यक्ष नविता भंसाली, बेंगलूरु से संतोष, सरिता गोठी, पवन श्रीश्रीमाल, वीरेंद्र कोठारी, मैसूर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष शांतिलाल कटारिया व आसपास के विभिन्न क्षेत्रों के श्रद्धालु उपस्थित थे।
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