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बाहुबली का त्याग विश्व में मिसाल: डॉ शिवरात्रि देशीकेंद्र

locationबैंगलोरPublished: May 28, 2018 05:58:32 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

सब कुछ हासिल करने के बाद बाहुबली ने सबकुछ त्यागकर मोक्ष प्राप्त किया था

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बाहुबली का त्याग विश्व में मिसाल: डॉ शिवरात्रि देशीकेंद्र

श्रवणबेलगोला. भगवान बाहुबली का त्याग समस्त विश्व के लिए मिसाल है। सब कुछ हासिल करने के बाद बाहुबली ने सबकुछ त्यागकर मोक्ष प्राप्त किया था। यह त्याग हमें इस संसार की क्षणभंगुरता का अहसास दिलाता है। सुत्तूर मठ के प्रमुख डॉ. शिवरात्रि देशीकेंद्र ने यह विचार रखे।
रविवार को यहां की विंध्यगिरि पहाड़ी पर स्थित बाहुबली की प्रतिमा का मस्तकाभिषेक करने के पश्चात उन्होंने कहा कि जैन धर्म के अहिंसा, शांति तथा त्याग के सिद्धांत आज विश्व के लिए अधिक प्रासंगिक बन गए हैं। यहां के मठ के प्रमुख चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी को लगातार 4 महा मस्तकाभिषेक महोत्सव का संचालन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ऐसा सौभाग्य अभी तक किसी को भी नहीं मिला है। इससे पहले डॉ. शिवरात्रि देशीकेंद्र स्वामी का मठ की ओर पादपूजा के पश्चात स्मृतिचिन्ह देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात शिवरात्रि देशीकेंद्र डोली के माध्यम से पहाड़ी पर पहुंचे।
चन्द्रप्रभ जैन गौशाला बनेगी
बेंगलूरु. निकटवर्ती बुद्धिहाल कस्बे में आदिनाथ जैन श्वेतम्बर मंदिर , चिकपेट द्वारा संचालित विहार धाम के समीप एक गौशाला का निर्माण किया जाएगा। यह गौशाला चन्द्रप्रभ स्वामी जैन गौशाला ट्रस्ट संचालित करेगा। ट्रस्ट अध्यक्ष प्रवीण ओसवाल की अध्यक्षता में रविवार को बैठक हुई और सभी कार्यों की समीक्षा की गई। बताया गया कि कार्य प्रगति पर है। देवकुमार के जैन ने कहा कि कोई भी संस्था या व्यक्ति इससे जुडऩा चाहे तो स्वेच्छा से भाग ले सकते हैं। बैठक में गौतम सोलंकी, चम्पालाल दांतेवाडिय़ा, वस्तीमल जैन, महेन्द्र जैन, नवीन जैन आदि मौजूद रहेगी।
परिवार भाव ही परार्थ है
मैसूरु. आचार्य चन्द्रजीत सूरी व पंन्यास इन्द्रजीत रविवार को सिद्धार्थ ले आउट की पाŸववाटिका से निकल कर आदिश्वर वाटिका पहुंचे। वहां प्रवचन देते हुए कहा कि परमात्मा आदिनाथ ने मानव समाज को कचल लाइफ से फैमिली लाइफ में परिवर्तित किया।
परिवार का मतलब ही स्वार्थ विलोपन है। परिवार भाव ही परार्थ है। मौके पर प्रवीणभाई दांतेवाडिय़ा, माणेकचंद वोरा, बाबूलाल मुणोत आदि
मौजूद रहे।
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