एनेस्थेटिस्ट चैतन्य कामत की सहायता से डॉ. प्रीति हजारे और डॉ. विनीता मेटगुडमथ की एक टीम ने एंडोस्कोपी से जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया और मूर्ति को सावधानीपूर्वक हटा दिया। मरीज को मूर्ति के साथ एक पात्र में रखा पवित्र जल पीने की आदत थी। गुरुवार को जब उसने बर्तन से जल पिया, तो उसने गलती से धातू की छोटी मूर्ति भी निगल ली। सांस लेने और निगलने में गंभीर परेशानी व गले में दर्द की शिकायत के साथ शख्स अस्पताल पहुंचा। एक्स-रे में भगवान बालकृष्ण की मूर्ति देख चिकित्सक भी अचंभित थे।
डॉ. गौड़ा की हार्ट सर्जरी सफल
‘पांच रुपए वाले’ चिकित्सक के नाम से लोकप्रिय और गरीब मरीजों के लिए ‘भगवान’ माने जाने वाले मंड्या जिले के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. शंकर गौड़ा की हार्ट सर्जर सफल रही है। महीनों के उपचार के बाद शुक्रवार को उन्हें शहर के फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
डॉ. गौड़ा ‘पांच रुपए’ के डॉक्टर के नाम से बेहद लोकप्रिय हैं। आज के इस युग में जहां लोगों को केवल चिकित्सकीय परामर्श के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं, वहीं डॉ. गौड़ा चिकित्सा पेशे में एक मिसाल हैं। वे तीन दशक से ज्यादा समय से फीस के रूप में केवल पांच रुपए लेते हैं।
अस्पताल के डॉ. विवेक जवाली ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि घातक हृदयघात के कारण डॉ. गौड़ा के हृदय का मुख्य भाग खराब हो गया था। एंजियोग्राम रिपोर्ट में कोरोनरी आर्टरी में अवरोध की पुष्टि हुई। फेफड़े में पानी जमा हो गया था। उनका हृदय लगभग जवाब दे चुका था। गुर्दे भी काम नहीं कर रहे थे। कुछ दिनों में लगभग सभी प्रमुख अंग बेकार हो जाते। उन्हें मई में अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत स्थिर होने के बाद वे मंड्या लौट गए थे। जून के दूसरे सप्ताह में उनके हृदय की एंजियोप्लास्टी हुई। डॉ. गौड़ा अब स्वस्थ हैं।