उन्होंने कहा कि गरीब किसान तथा आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को अगर शहरी नक्सली करार दिया जा रहा है। तो मैं भी शहरी नक्सली हूं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे में पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दलित तथा शोषितों के पक्ष में खड़े विचारक तथा चिंतकों को जानबूझ कर निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी संघ के प्रचारक रहे हैं और आरएसएस अपना एजेंडा देश पर थोप रहा है।
आनन्द राव सर्कल के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष उन्होंने कहा कि देश में यह हालात हैं कि किसी को सच्चाई या हक की बात कहने का अधिकार नहीं है। कोई ऐसा करता है तो उसकी हत्या कर दी जाती है। गोरक्षा के नाम पर निर्दोषों को मारा जा रहा है। नागरिकों को अपनी पसन्द का भोजन करने का अधिकार तक नहीं है। जनप्रतिनिधि दलितों का अत्याचार करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, बल्कि शिकायत करने वालों को ही गिरफ्तार किया जाता है।
पूर्व मंत्री बी.टी. ललिता नायक ने कहा कि दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या करके जिस आतंक को जन्म दिया था, उसी के कारण देश में आज भी साहित्यकार, प्रगतिशील विचारकों की हत्याएं हो रही हैं। स्वामी अग्निवेश पर कई जगह पर हमले किए गए। अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। नरेन्द्र मोदी ने इस विषय पर कुछ नहीं कहा। कई संगठनों के सदस्य खुलेआम चेतावनी देते हैं कि गाय का सम्मान नहीं करने वालों की हत्या कर दी जाएगी।