बैंगलोर

Bengaluru : किले में तब्दील हुआ चामराजपेट ईदगाह मैदान

– राजस्व विभाग के अधिकारी फहराएंगे तिरंगा- सांसद तेजस्वी और विधायक जमीर रहेंगे मौजूद

बैंगलोरAug 15, 2022 / 02:10 am

Rajeev Mishra

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बेंगलूरु. स्वतंत्रता दिवस से पहले शहर का चामराजपेट ईदगाह मैदान किले में तब्दील हो गया है। राज्य सरकार के यहां 15 अगस्त को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है।


गृह मंत्री ने किया दौरा

गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने रविवार शाम पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद और शहर के पुलिस आयुक्त सीएच प्रताप रेड्डी के साथ ईदगाह मैदान का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने विश्वास जताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह शांतिपूर्वक और बिना किसी अप्रिय घटना के आयोजित होगा। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

850 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) लक्ष्मण बी निबर्गी ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स, कमांडो और राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) के आठ प्लाटून सहित 850 से अधिक पुलिस कर्मियों को मैदान में तैनात किया गया है। शहर की पुलिस ने पिछले दो दिनों में चामराजपेट और वाल्मीकि नगर, आजाद नगर और टीपू नगर के आसपास के इलाकों में रूट मार्च किए। मैदान को कथित तौर पर 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की निरंतर निगरानी में रखा गया है।

विवाद सुलझाने के लिए मंत्री ने की थी बैठक
इससे पहले मैदान के मालिकाना हक को लेकर जारी विवाद के बीच राजस्व मंत्री आर. अशोक ने पिछले दिनों एक बैठक में मैदान पर तिरंगा फहराने का निर्णय किया। कार्यक्रम के मुताबिक सहायक आयुक्तसोमवार सुबह 8 बजे स्थानीय विधायक बीजेड जमीर अहमद खान और सांसद तेजस्वी सूर्य की मौजूदगी में झंडा फहराएंगे।
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स्वामित्व को लेकर हुआ था विवाद
हिंदू संगठनों ने मैदान पर कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी तो ईदगाह मैदान के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ गया थाा। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने हाल ही में वक्फ बोर्ड के उस आवेदन को ठुकरा दिया था, जिसमें उसने खाता अपने नाम कराने की मांग की थी। बीबीएमपी ने इसके बाद राजस्व विभाग को ईदगाह मैदान का मालिक घोषित कर दिया। वक्फ बोर्ड इस निर्णय का विरोध कर रहा है। हालांकि, कई हिंदुवादी संगठनों और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने यहां गणेश पूजा आयोजित करने की मांग की है लेकिन, राजस्व विभाग ने इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया क्योंकि उन्हें डर है कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ सकता है। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस बात की संभावना काफी कम है कि यहां गणेश पूजा के लिए पंडाल स्थापित करने की अनुमति मिलेगी।
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