इस कवायद को लेकर राज्य सरकार ने एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया है। जिसकी पहली बैठक भी हो चुकी है। कमेटी में प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों के कुलपति और तीन महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सदस्य बनाया गया है। उदयपुर के सुखाडि़या विश्वविद्यालय के कुलपति कमेटी के चेयरमैन है। पहली बैठक में छात्रसंघ चुनावों को लेकर बीस से ज्यादा सुझाव आए। इनमें कुछ प्रमुख सुझावों में सिर्फ अध्यक्ष पद पर ही चुनाव कराने पर भी मंथन किया गया। अगली बैठक में निर्णय होगा।
इन सुझावों पर चल रहा मंथन सब कॉलेजों पर लागू होगा : कमेटी अगर सिर्फ छात्रसंघ अध्यक्ष का ही चुनाव कराने का निर्णय करती है और सरकार उसको अनुमोदित कर देती है तो यह निर्णय राजकीय कॉलेजों के अलावा सभी विश्वविद्यालयों के अधीन कॉलेजों पर भी लागू होगा।
READ MORE: MLSU में भी होगी बीएड-एमएड की पढ़ाई, अब तक सिलेबस बनाने और परीक्षा का ही था जिम्मा मामले आए तो कमेटी बनाई छात्रसंघ चुनाव को लेकर कई तरह के मामले मंत्रालय में आए। हमने इस पर एक कमेटी बनाई और कमेटी सभी पहलुओं पर चर्चा कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद सरकार उस पर विचार करेगी कि क्या करना है।
किरण माहेश्वरी, उच्च शिक्षा मंत्री पहली बैठक में आए सुझावों पर चर्चा हुई और उसके अनुसार कमेटी में विचार किया जा रहा है। अगली बैठक में फिर चर्चा की जाएगी। कमेटी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी। उसके बाद सरकार निर्णय करेगी।
प्रो. जे.पी. शर्मा, कुलपति, सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय व कमेटी चेयरमैन