बीबीएमपी के आयुक्त बीएच अनिलकुमार ने यह संकेत देते हुए कहा कि जब बीडीए ने इन झीलों का हस्तांतरण किया था, तब इन झीलों की स्थिति के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी थी। इसी कारण हस्तांतरण के तीन वर्ष बाद भी बीबीएमपी के पास इन झीलों की सुरक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं है। बीबीएमपी अब सभी झीलों के उन्नयन पर काम करेगी। बीडीए से बीबीएमपी को हस्तांतरित की गई 58 झीलों में कई ऐसी हैं जिनका तटबंध सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि झील सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा रहा है। कार्यबल झीलों के तटबंधों की समीक्षा करेगा और रिपोर्ट अनुसार तटबंधों को मजबूत किया जाएगा।
आखिर किसकी लापरवाही से टूटा तटबंध
वर्ष 2016 में बीबीएमपी के तत्कालीन आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद ने बीडीए को झीलों के विवरण को लेकर खत लिखा था लेकिन इसके बावजूद बीडीए ने बीबीएमपी को हस्तांतरित की गई झीलों की सुरक्षा संबंध्ी कोई जानकारी नहीं दी है। हुलिमाउ झील का तटबंध टूटने के लिए अब बीबीएमपी तथा बीडीए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बीडीए का दावा है कि वर्ष 2016 में हुलिमाउ झील को बीबीएमपी को हस्तांतरित किया गया है। वहीं, हाल में जब बीबीएमपी महापौर गौतम कुमार ने हुलिमाउ झील का किया था तब उन्होंने झील की जिम्मेदारी बीडीए के पास होने की बात कही थी।
हुलिमाउ हादसे से सबक लें
पूर्व महापौर रामचंद्रप्पा के अनुसार बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी), बेंगलूरु शहर विकास प्राधिकरण (बीडीए) तथा बेंगलूर शहर जलापूर्ति तथा मलजल निस्तारण निगम (बीडब्लूएसएसबी) के बीच समन्वय के अभाव के कारण ऐसे हादसे हो रहें है। इन संस्थाओं के बीच समन्वय नहीं होने के कारण शहर की झीलों के आस-पास विकसित ले आउट तथा बहुमंजिले अपार्टमेंटस के निवासियों को खतरा है। हुलिमाउ झील का तटबंध टूटने से इसकी पोल खुली है। उन्होंने कहा कि इस गलती के लिए केवल एक दूसरे ठीकरा फोडऩे से समस्या समाधान संभव नहीं है। हादसे से सबक लेते हुए शहर के बुनियादी ढ़ांचे के विकास से जुड़ी सभी संस्थाओं को समन्वय के साथ कार्य करना होगा।
तीन महीने तीसरी झील का तटबंध दरका
सितम्बर माह में बिदरकल्लू उसके पश्चात अक्टूबर माह में होसकेरेहल्ली तथा अभी हुलिमाउ इन तीन झीलों का तटबंध टूटने से झीलों के आस-पास के निवासियों को काफी नुकसान पहुंचा है। भवन निर्माता तथा बीबीएमपी, बीडीए के अधिकारियों की सांठ-गांठ के कारण ही झीलों के निकट ही आवासीय ले आउट विकसित हुए हंै।