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बारिश की चुनौतियों से निपटने की तैयारी में बीबीएमपी

locationबैंगलोरPublished: Apr 22, 2019 07:49:12 pm

बारिश से जहां एक ओर बेंगलूरु का मौसम सुहावना हो जाता है और जलसंकट की समस्या दूर होती है, वहीं हर बार बारिश के दौरान कई सडक़ों पर जलजमाव के कारण बेंगलूरुवासियों की मुसीबत बढ जाती है। चाहे मानसून पूर्व की बारिश हो या मानसून के दौरान की बारिश हर समय बारिश जनित समस्याएं अमूमन एक जैसी रहती हैं। यहां तक कि पिछले सप्ताह भी जब शहर में हल्की बारिश हुई तब भी कई सडक़ों पर जलजमाव देखा गया।

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बारिश की चुनौतियों से निपटने की तैयारी में बीबीएमपी

केएसएनडीएमसी की मदद से १५ मिनट में मिलेगी जलजमाव
की जानकारी
बेंगलूरु. बारिश से जहां एक ओर बेंगलूरु का मौसम सुहावना हो जाता है और जलसंकट की समस्या दूर होती है, वहीं हर बार बारिश के दौरान कई सडक़ों पर जलजमाव के कारण बेंगलूरुवासियों की मुसीबत बढ जाती है। चाहे मानसून पूर्व की बारिश हो या मानसून के दौरान की बारिश हर समय बारिश जनित समस्याएं अमूमन एक जैसी रहती हैं। यहां तक कि पिछले सप्ताह भी जब शहर में हल्की बारिश हुई तब भी कई सडक़ों पर जलजमाव देखा गया।
बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) के लिए भी बारिश के दौरान जलजमाव वाले इलाकों का तुरंत पता लगाना मुश्किल रहता है। हालांकि इस बार ऐसी परेशानी से मुक्ति मिल सकती है। दरअसल कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपता निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) ने शहर के दस क्षेत्रों में विशेष निगरानी उपकरण लगाए हैं। इनकी मदद से बीबीएमपी को बारिश के समय प्रत्येक १५ मिनट में शहर के अधिकांश हिस्सों की स्थिति का पता चलते रहेगा। इससे अगर किसी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या होती है तो तुरंत समाधान किया जा सकेगा।
पिछले सप्ताह गुरुवार को हुई बारिश के बाद दो सप्ताह पूर्व की उद्घाटन हुए काडुगोडी अंडरपास सहित , ओल्ड मद्रास रोड, आउटर रिंग रोड, बोम्मनहल्ली के कई इलाकें, राज राजेश्वरी नगर के कुछ हिस्से और उत्तर बेंगलूरु में कई जगहों पर जलजमाव देखा गया। ऐसे में केएसएनडीएमसी की नई प्रणाली की मदद से शहर में बारिश जनित समस्याओं को दूर करने में ज्यादा मदद मिल सकती है।
४४० बरसाती नाले हुए गादमुक्त
बारिश का पानी नालों में बिना किसी व्यवधान के बहे इसके लिए बरसाती नालों को गाद मुक्त करने का काम गतिमान है। अब तक ४४० बरसाती नालों को गाद मुक्त किया जा चुका है जबकि शेष ३८६ को मानसून के पूर्व तक साफ कर लिया जाएगा। इसी प्रकार बारिश के दौरान सडक़ के गड्ढे भरने के लिए युद्धस्तर पर करने की योजना है।
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