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एडुसैट से जुड़ेंगे बीबीएमपी के स्कूल

locationबैंगलोरPublished: Nov 09, 2018 08:58:50 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

अब देश-विदेश के विशेषज्ञ प्रशिक्षित करेंगे छात्रों-शिक्षकों को
इसरो तकनीक से मिलेगी विश्वस्तरीय शैक्षणिक सुविधाएं

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एडुसैट से जुड़ेंगे बीबीएमपी के स्कूल

बेंगलूरु. बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) के स्कूलों में अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह एडुसैट के जरिए शैक्षणिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

बीबीएमपी के रोशनी कार्यक्रम के तहत इसकी शुरूआत की जाएगी ताकि सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों का मुकाबला कर सकें।
इसरो के इस कार्यक्रम से बीबीएमपी स्कूलों की कक्षाओं तक विश्वस्तरीय और अत्याधुनिक तकनीक के जरिए शिक्षा पहुंचाई जा सकेगी जो छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी काफी उपयोगी साबित होगा।

एडुसैट देश का पहला समर्पित शिक्षा उपग्रह है जो देश भर में शैक्षणिक सामग्री के संवितरण के लिए कक्षा को उपग्रह आधारित दो-तरफा संचार उपलब्ध कराता है।
इस उपग्रह को भू-तुल्यकालिक उपग्रह -आई-2 के- बस संरचना में विकसित किया गया है। बीबीएमपी के 153 स्कूलों के छात्रों को एडुसैट के जरिए अत्याधुनिक तकनीक से शिक्षित करने की योजना है जिसके लिए सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
इसके तहत स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाएं जैसे स्काइप, लर्निंग ऐप्स, नोटबुक, आदि मुहैया कराए जा चुके हैं। बस जरूरत थी तो उपग्रह आधारित दो-तरफा इंटरनेट संचार व्यवस्था की जो एडुसैट के जरिए प्राप्त होने लगेगा।
इसरो उपग्रह हाई-स्पीड और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराएगा जिससे देश अथवा विदेश के किसी दूसरे कोने में बैठे विशेषज्ञ सीधे छात्रों अथवा शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।

बीबीएमपी के कुल 153 शैक्षणिक संस्थानों में से 87 नर्सरी, 15 प्राइमरी, 33 हाईस्कूल, 14 जूनियर कॉलेज और 4 डिग्री कॉलेज शामिल हैं।
एडुसैट के जरिए आम पाठ योजनाएं तैयार की जाएंगी और विशेषज्ञ छात्रों को पढ़ाएंगे। सभी वर्गों के लिए शिक्षा का एक ही मानक बनाए रखा जाएगा। स्थानीय शिक्षक सुविधाकारक (फैसिलिटेटर) की भूमिका निभाएंगे।

इसके लिए बीबीएमपी शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा ताकि वे एडुसैट की सुविधाओं का सही और भरपूर इस्तेमाल कर सकें। इस कार्यक्रम को अगले छह महीन में लांच करने की योजना है।
बीबीएमपी आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा पालिका के स्कूल कर्मचारियों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि शिक्षा में बदलाव आ सके।

उन्होंने कहा कि इसरो के साथ साझेदारी से निगमित स्कूलों की शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव आएगा। इसरो उपग्रह जीसैट-3, जो एडुसैट के रूप में जाना जाता है, पाठशाला स्तर से उच्च शिक्षा तक सुदूर शिक्षा के लिए बना है।
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