समिति ने राज्य नगर निगम अधिनियम १९७६ की धारा ७(१)(ए) में संशोधन की सिफारिश की है। इस धारा के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक किसी नगर निगम में कम से कम ३० और अधिकतम २०० वार्ड सदस्य हो सकते हैं। बीबीएमपी में भी १९८ वार्ड हैं। समिति ने इससे पहले शहर के वार्डों की संख्या बढ़ाकर १२५ और पालिका के संभागों की संख्या ८ से बढ़ाकर १० करने की सिफारिश की थी। हालांकि, महापौर का कार्यकाल एक वर्ष के बजाय ढाई वर्ष करने के प्रस्ताव पर समिति में सहमति नहीं बन पाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीबीएमपी विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रिपोर्ट पेश करने के लिए समिति को अधिक समय चाहिए। हालांकि, पालिका के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया है और चुनाव कराया जाना चाहिए। लेकिन, मौजूदा हालात, बढ़ती आबादी और क्षेत्रफल को देखते हुए समिति नियम में संशोधन की सिफारिश करती है। समिति का कार्यकाल हाल ही में अंतिम रिपोर्ट देने के लिए १० नवम्बर तक बढ़ाई जा चुकी है।विधेयक मार्च में पिछले सत्र के दौरान सरकार ने पेश किया था।
इसमें पालिका के ढांचे में बदलाव के साथ ही महापौर व उपमहापौर का कार्यकाल पांच साल तय करने का प्रस्ताव था। बाद में विधेयक पर विचार के लिए संयुक्त सदन समिति का गठन किया गया। पालिका के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल १० सितम्बर को समाप्त हो चुका है और चुनाव नहीं होने के कारण सरकार प्रशासक नियुक्त कर चुकी है।