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विचारों के साक्षी बन जाओ: आचार्य देवेंद्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Jul 11, 2020 02:56:25 pm

राजाजीनगर जैन संघ में चातुर्मासिक प्रवचन

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बेंगलूरु. राजाजीनगर जैन संघ में आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने कहा की ख्यालों से भागोगे तो वे पीछा करेंगे, और ख्यालों से डरोगे, तो वे और डराएंगे। इसलिए ख्यालों के साक्षी हो जाओ। ख्यालों को देखने से, ख्याल चले जाएंगे। यह साधना की एक अवस्था है, जो हमें मन से ऊपर उठा देती है।
आचार्य ने कहा कि अक्सर यह होता है कि हम ख्यालों से लडऩे, उन्हें हटाने या फिर उन्हें भुलाने में ही लगे रहते हैं। इन्हीं कारणों से ख्याल और मजबूत हो जाते हैं। ख्यालों का विरोध ख्यालों को ताकत देता है, इसके चलते मन में ख्याल और जोर से आते हैं। ख्यालों में जिया गया जीवन तो महज परिस्थितियों का जीवन है, क्योंकि ख्याल तो भूत और भविष्य काल से ही जुड़े हुए होते हैं। जीवन की जीवंतता का अनुभव तो वर्तमान में ही मिलता है।
आचार्य ने कहा कि जीवन में जीवंतता तो तभी संभव है, जब हम अपने स्वभाव को पकड़ कर जिएं। आत्म स्वभाव में स्थित होना ही स्थिति और जगत के ख्यालों में अटके होना ही परिस्थिति है। ज्ञान हमें स्थिति में टिकाता है और अज्ञान परिस्थिति में। परिस्थिति समस्या है, तो स्थिति समाधान है। जो आत्म स्थिति में टिके रहने में सफल हो जाता है, उसका परिस्थिति कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती।
आचार्य ने कहा कि अध्यात्म हमें हमारी स्थिति में रहना सिखाता है और संसार हमें उसकी परिस्थितियों में अटकना। परिस्थितियों को रोकने की जरूरत नहीं है, बस हमें उनका रूप नहीं बनना है।

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