मर्म नहीं, कर्म प्रधान बनो-साध्वी शीतलगुणाश्री
धर्मसभा का आयोजन
बैंगलोर
Updated: March 28, 2022 07:24:22 am
बेंगलूरु. अक्कीपेट स्थित जैनम अपार्टमेंट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि अतीत की कड़वी सच्चाइयों से सीखने का प्रयास करें। जीवन से जो चला गया है उसका गम मनाने की बजाय, जो बचा हुआ है उसे संभालने का प्रयास करें। कुछ नई योजनाएं बनाकर नई उम्मीदों के साथ फिर कर्म के रण में उतर जाएं। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि जो खो गया है वह तो लौटकर नहीं आ सकता है। अपने नुकसान के लिए किसी को भी दोषी मानने की बजाय और उससे बदला लेने की बजाय अपनी ऊर्जा को पुन: अपने उद्देश्य में लगाएं। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलता है, लेकिन आत्मविश्वास के ईंधन के बिना यात्रा करना असम्भव है। न खुद हताश हो न औरों पर अपने मायूसी के किटाणु बरसाओ। गर जिंदगी की दस बाजियां हार भी गए तो क्या हुआ ग्यारहवीं बाजी जीतने में देर न लगेगी। मित्रों ये कलयुग नहीं है, करयुग है, जैसा करो वैसा पाओ, मर्म नहीं, कर्म प्रधान बनो। उन्होंने कहा कि ताकत बढ़ती है, जब हम हिम्मत करते हैं, एकता बढ़ती है,जब हम एकजुट होते हैं, प्यार बढ़ता है,जब हम साझा करते हैं और रिश्ता बढ़ता है, जब हम परवाह करते हैं। और जब धर्म आराधना करते हैं, तो आत्म विश्वास बढ़ता है। विहार सेवा में मनोज परमार, भैरुभाई, देवेन्द्र तातेड़, हिमांशु छाजेड़, सुनील कुमार कुंकुलोल, सोमचंद भाई, धीरज, पप्पू भाई, लक्ष्मण, चेतन प्रकाश झारमूथा, राकेश दांतेवाडिय़ा, भरत गांधी, विक्रम छाजेड़, मधु तातेड़ उपस्थित थे। सीमंधर स्वामी राजेन्द्र सूरि जैन ट्रस्ट मंडल मामूलपेट अध्यक्ष मेघराज भंसाली, भवंरलाल सरत, हेमराज मोदी ने दर्शन वंदन का लाभ लिया। अक्कीपेट की महिलाओं ने सामैया सहित गहूली बनाकर अक्षत से बधाकर स्वागत अभिनन्दन किया।

मर्म नहीं, कर्म प्रधान बनो-साध्वी शीतलगुणाश्री
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