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अपना दीपक खुद बनें, अपनी लड़ाई खुद लड़ें

locationबैंगलोरPublished: Feb 26, 2020 06:10:56 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

डॉ. आंबेडकर के सिद्धांतों पर चिंतन की जरूरत

अपना दीपक खुद बनें, अपनी लड़ाई खुद लड़ें

अपना दीपक खुद बनें, अपनी लड़ाई खुद लड़ें

– नीला आकाश सबका

बेंगलूरु.

आंबेडकरवाद में मानवतावादी विचारधारा है कि केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर सबको समानता का अधिकार होना चाहिए। सम्मान मिलना चाहिए। डॉ. बी. आर. आंबेडकर (Dr B. R. Ambedkar) कहते थे कि अपना दीपक खुद बनो। डॉ. आंबेडकर के सिद्धांतों पर पुन: चिंतन करने की जरूरत है।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुशीला टाकभौरे ने ये विचार व्यक्त किए। वे माउंट कार्मेल कॉलेज के हिंदी विभाग (Hindi Department of Mount Carmel College) की ओर से दलित विमर्श के संदर्भ में नीला आकाश (Neela Aakash) विषय पर आयोजित दो दिवसीय व्याख्यान व कार्यशाला में शिरकत कर रही थीं।

डॉ. टाकभौरे ने मानवीय संवेदनाओं को जिंदा रखने की अपील की। वर्तमान समय में शोषित समाज की समस्याओं को उजागर करने वाले साहित्य सृजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नीला आकाश सबका है। बेहतर समाज के लिए जाति व्यवस्था जहर का काम करती है। जिसका निवारण पहले हमें अपनी सोच में परिवर्तन करने से प्रारंभ करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है। लेकिन देखेंगे तो वर्ष 1960 के पहले दलित पात्रों को इस रूप में कभी नहीं रखा जाता था जिस तरह 20वीं शताब्दी के अंत में उनपर लेखन किया जाने लगा। कई गांधीवादी लेखकों ने भी दलितों पर लिखा है। लेकिन उन्होंने दलित जीवन पर लिखा न कि दलित चेतना पर। वर्तमान में दलितजनों पर लेखन की एक परंपरा चल रही है। कई गैर दलित लेखक (Dalit Writer) भी दलितों के जीवन पर लिख रहे हैं। नीला आकाश सबका है।

हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. कोयल विश्वास ने कहा कि इस तरह के अतिथि व्याख्यान एवं रचनाकारों द्वारा कार्यशालाओं के आयोजन का लाभ सभी को मिलते रहना चाहिए।

कार्यक्रम की व्यवस्थापक डॉ. मधुछन्दा चक्रवर्ती, डॉ. चिलुका पुष्पलता, डॉ. वाणीश्री बुग्गी एवं श्री कौशल पटेल आदि उपस्थित थे।

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