सीएम को धार्मिक मामले में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं
बेंगलूरु. केवल राजनीतिक लाभ के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या लिंगायत तथा वीरशैव समुदायों के बीच खाई पैदा कर रहे हैं। किसी राजनेता को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। समुदाय को बांटने के ऐसे प्रयासों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। रंभापुरी पीठ के वरिष्ठ स्वामी वीरसोमेश्वर शिवाचार्य ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस प्रयास के विरोध में राज्य के विभिन्न मठों के प्रमुख स्वामी शीघ्र ही अदालत में याचिका दायर कर चुनौती देंगे।
समुदाय को विभाजित करने वाली कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस अपराध के लिए यह समुदाय कांग्रेस को माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आज तक राज्य के किसी भी मुख्यमंत्री ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रयास नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुझाव देने के लिए गठित समिति को 6 माह का समय दिया गया था लेकिन सरकार ने दबाव डालकर केवल 2 माह में रिपोर्ट बनवा ली। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि आबादी के अनुपात को देखते हुए लिंगायत समुदाय धार्मिक अल्पसंख्यक दर्ज की मांग नहीं कर सकता है। सरकार हस्तक्षेप न करे।
बेंगलूरु. केवल राजनीतिक लाभ के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या लिंगायत तथा वीरशैव समुदायों के बीच खाई पैदा कर रहे हैं। किसी राजनेता को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। समुदाय को बांटने के ऐसे प्रयासों का पुरजोर विरोध किया जाएगा। रंभापुरी पीठ के वरिष्ठ स्वामी वीरसोमेश्वर शिवाचार्य ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस प्रयास के विरोध में राज्य के विभिन्न मठों के प्रमुख स्वामी शीघ्र ही अदालत में याचिका दायर कर चुनौती देंगे।
समुदाय को विभाजित करने वाली कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस अपराध के लिए यह समुदाय कांग्रेस को माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आज तक राज्य के किसी भी मुख्यमंत्री ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रयास नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुझाव देने के लिए गठित समिति को 6 माह का समय दिया गया था लेकिन सरकार ने दबाव डालकर केवल 2 माह में रिपोर्ट बनवा ली। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि आबादी के अनुपात को देखते हुए लिंगायत समुदाय धार्मिक अल्पसंख्यक दर्ज की मांग नहीं कर सकता है। सरकार हस्तक्षेप न करे।