बेंगलूरु एफसी को इससे पहले स्थानीय Athletes के विरोध के कारण अपना घरेलू मैदान Pune में बालेवाड़ी बनाने पर मजबूर होना पड़ा था क्योंकि एथ्लीट्स ने मैदान की प्राकृतिक घास की जगह कृत्रिम घास लगाने का विरोध किया था। उनका तर्क था कि कृत्रिम Grass उनके प्रशिक्षण में बाधक है और हानिकारक साबित हो रही हैं। वे सिंथेटिक ट्रैक या कृत्रिम घास पर प्रशिक्षण जारी नहीं रख सकते और उनके पास कोई और स्टेडियम भी नहीं है।
पिछले सप्ताह karnataka सरकार के खेल एवं युवा सशक्तिकरण विभाग ने Kantirava Stadium में आइएसएल मुकाबले कराने पर सहमति का पत्र जारी कर दिया था। विभाग के इस फैसले के बाद आइएसएल में Bengaluru FC के प्रदर्शन को काफी बड़ा सहारा मिलेगा क्योंकि पिछले सत्र में वे घरेलू मैदान पर अजेय रहे थे।
हालांकि इस फैसले के बावजूद अभी यह कहना कठिन है कि Bengaluru FC अपना पहला मुकाबला इसी मैदान पर खेल सकेगा या नहीं। उसे 21 अक्टूबर को North East United के खिलाफ पहला मुकाबला खेलना है। यह पिछले साल के सेमीफाइनल मुकाबले का रीप्ले होगा।
इस मैच को लेकर संशय के बादल इसलिए हैं क्योंकि ऐसे किसी भी मैच के लिए मैदान को तैयार करने से पहले कम से कम तीन सप्ताह का समय लगता है जबकि इस मामले में ऐसा नहीं है।