पुलिस को पता चला है कि लडक़ी ने आरोपियों से पांच लाख रुपए एडवांस लिए थे लेकिन लौटा नहीं पा रही थी। पुलिस का कहना है कि इसलिए आरोपियों ने उसके साथ यह घटिया हरकत की। पुलिस के मुताबिक, आरोपी जब भी पैसे मांगते, वह कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें टाल देती थी।
बार-बार पैसे मांगने की वजह से वह भाग गई थी। दो महिला आरोपियों काजल और नुसरत की मदद से आरोपियों ने उसका पता लगाया। बाद में सबने मिलकर उसके साथ बर्बरता की और फिर उसका गैंगरेप भी किया। घटना के बाद पीडि़ता बेंगलूरु से चली गई थी। पुलिस ने उसे केरल के कोझिकोड में ट्रेस किया था। फिर पुलिस उसे वापस बेंगलूरु ले कर आई। यहां लेडी कर्जन अस्पताल में उसका मेडिकल टेस्ट कराया गया।
पुलिस ने बताया कि करीब तीन साल पहले असम के धुबरी में रहने वाले मोहम्मद बाबू ने पीडि़ता की तस्करी कराई थी। पुलिस को पता चला है कि मुर्शिदाबाद, हैदराबाद, तेलंगाना, कोझिकोड और धुबरी में मानव तस्करी का काफी बड़ा नेटवर्क है और यह सीधे बांग्लादेश से जुड़ा है। बांग्लादेश से लड़कियों की तस्करी की जाती है और उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है।
इस मामले में आरोपियों ने ही पीडि़ता का वीडियो वायरल कर दिया था। यह वीडियो मुख्य तौर पर असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में वायरल हुआ था। जिसके बाद असम पुलिस ने आरोपियों के पकडऩे के लिए ऑपरेशन चालू किया था। सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश पुलिस ने बेंगलूरु पुलिस को टिप दी थी। जिसके बाद राममूर्तिनगर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चालू किया.
राममूर्तिनगर पुलिस ने 28 मई को कणकनगर इलाके से आरोपियों को पकड़ा। दो आरोपियों रकीबुल इस्लाम सागर और हृदॉय बाबू ने भागने की कोशिश में पुलिस पर कथित तौर पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उनके पैर में गोली मार दी। इस मामले में फिलहाल 6 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस के मुताबिक, सभी बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी हैं।