संभागीय आयुक्त व चुनाव अधिकारी हर्ष गुप्ता ने सोमवार शाम में कहा कि चुनाव कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश और शहरी निकाय कानून के प्रावधानों के मुताबिक मंगलवार को कराए जाएंगे। इससे पहले सोमवार को दोपहर को चर्चा थी कि चुनाव एक बार फिर टाले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री बी एस येड्डियूरप्पा ने भी कहा कि महापौर का चुनाव डेढ़ महीने बाद होगा। हालांकि, शाम में प्रशासन ने चुनाव कार्यक्रम घोषित कर कयासों को विराम दे दिया। महापौर और उपमहापौर के अलावा कराधान व वित्त, स्वास्थ्य, लेखा और बाजार स्थायी समिति के भी चुनाव होंगे। अधिकारियों के मुताबिक सुबह ८ से ९.३० बजे तक नामांकन पत्र स्वीकार किए जाएंगे। सुबह ११.३० बजे तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद पहले महापौर और फिर उपमहापौर व स्थायी समितियों के चुनाव होंगे।
किसे मिलेगी बेंगलूरु की सत्ता
इस बार बेंगलूरु सत्ता किसे मिलेगी, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। दोनों ही पक्ष सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। सात निर्दलीय वार्ड पार्षदों के रूख से ही तय होगा कि इस बार पालिका पर किसका कब्जा होगा। फिलहाल पालिका के २५७ सदस्य परिषद में भाजपा को १२६ और गठबंधन को १३१ सदस्यों का समर्थन हासिल है। परिषद में कांग्रेस के ७६ वार्ड पार्षद, एक लोकसभा सदस्य, ६ राज्यसभा सदस्य, ११ विधायक और १० विधान पार्षद हैं जबकि जद-एस के १४ वार्ड पार्षद, एक राज्यसभा सदस्य, एक-एक विधायक और विधान पार्षद हैं। गठबंधन को छह निर्दलीय वार्ड पार्षदों का भी समर्थन हासिल है। भाजपा के १०१ वार्ड पार्षद, ४ लोकसभा सदस्य, २ राज्यसभा सदस्य, ११ विधायक और ७ विधान पार्षद हैं। एक निर्दलीय वार्ड पार्षद का समर्थन भी भाजपा को हासिल है। भाजपा अभी जादुई आंकड़े से सिर्फ तीन संख्या दूर है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अयोग्य ठहराए गए विधायकों के सहारे कुछ वार्ड पार्षदों को चुनाव के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है। एक भाजपा नेता ने कहा कि पांच विधानसभा क्षेत्रों में २२ वार्ड पार्षद हैं और अगर असंतुष्ट पूर्व विधायकों के करीबी १५ वार्ड पार्षद भी गैर हाजिर रहे तो हमारी राह आसान हो जाएगी।
इस बार बेंगलूरु सत्ता किसे मिलेगी, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। दोनों ही पक्ष सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। सात निर्दलीय वार्ड पार्षदों के रूख से ही तय होगा कि इस बार पालिका पर किसका कब्जा होगा। फिलहाल पालिका के २५७ सदस्य परिषद में भाजपा को १२६ और गठबंधन को १३१ सदस्यों का समर्थन हासिल है। परिषद में कांग्रेस के ७६ वार्ड पार्षद, एक लोकसभा सदस्य, ६ राज्यसभा सदस्य, ११ विधायक और १० विधान पार्षद हैं जबकि जद-एस के १४ वार्ड पार्षद, एक राज्यसभा सदस्य, एक-एक विधायक और विधान पार्षद हैं। गठबंधन को छह निर्दलीय वार्ड पार्षदों का भी समर्थन हासिल है। भाजपा के १०१ वार्ड पार्षद, ४ लोकसभा सदस्य, २ राज्यसभा सदस्य, ११ विधायक और ७ विधान पार्षद हैं। एक निर्दलीय वार्ड पार्षद का समर्थन भी भाजपा को हासिल है। भाजपा अभी जादुई आंकड़े से सिर्फ तीन संख्या दूर है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अयोग्य ठहराए गए विधायकों के सहारे कुछ वार्ड पार्षदों को चुनाव के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है। एक भाजपा नेता ने कहा कि पांच विधानसभा क्षेत्रों में २२ वार्ड पार्षद हैं और अगर असंतुष्ट पूर्व विधायकों के करीबी १५ वार्ड पार्षद भी गैर हाजिर रहे तो हमारी राह आसान हो जाएगी।
बना रहेगा गठबंधन, सत्ता के लिए अब सात निर्दलीय पार्षदों पर टिकी भाजपा की उम्मीदें
राज्य में सरकार गिरने के बावजूद कांग्रेस और जद-एस के बीच पालिका में गठबंधन बना रहेगा। दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहने के कारण पिछले चार साल से पालिका में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता से वंचित भाजपा की उम्मीदें अब सात निर्दलीय वार्ड पार्षदों पर टिकी हैं। पांच बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के कारण गठबंधन भी सत्ता बरकरार रख पाने को लेकर ज्यादा आशावान नहीं है। कांग्रेस के चार और जद-एस के एक विधायक को अयोग्य ठहराए गया था। वर्ष २०१५ में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा १९८ में से १०१ वार्डों में जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन कांग्रेस और जद-एस के बीच गठजोड़ के कारण शहर की सत्ता भाजपा के हाथ से निकल गई। इस बार राज्य की सत्ता में होने के कारण भाजपा पालिका में मौजूदा परिषद के आखिरी वर्ष में सत्ता हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है। कांग्रेस और जद-एस में पिछले चार साल से चल रहे समझौते के मुताबिक कांग्रेस के कोटे में महापौर और जद-एस के कोटे में उपमहापौर का पद होगा। गठबंधन के नेताओं का कहना है कि महापौर के लिए कांग्रेस के बी एस सत्यनारायण और उपमहापौर पद के लिए जद-एस के उपमहापौर पद के लिए मोहम्मद रिजवान के नाम पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, दोनों दलों ने अभी उम्मीदवारों के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। भाजपा में पालिका में विपक्ष के नेता पद्मनाभ रेड्डी के अलावा एल श्रीनिवास और के. उमेश के नाम की चर्चा है।
राज्य में सरकार गिरने के बावजूद कांग्रेस और जद-एस के बीच पालिका में गठबंधन बना रहेगा। दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहने के कारण पिछले चार साल से पालिका में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सत्ता से वंचित भाजपा की उम्मीदें अब सात निर्दलीय वार्ड पार्षदों पर टिकी हैं। पांच बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के कारण गठबंधन भी सत्ता बरकरार रख पाने को लेकर ज्यादा आशावान नहीं है। कांग्रेस के चार और जद-एस के एक विधायक को अयोग्य ठहराए गया था। वर्ष २०१५ में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा १९८ में से १०१ वार्डों में जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी लेकिन कांग्रेस और जद-एस के बीच गठजोड़ के कारण शहर की सत्ता भाजपा के हाथ से निकल गई। इस बार राज्य की सत्ता में होने के कारण भाजपा पालिका में मौजूदा परिषद के आखिरी वर्ष में सत्ता हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है। कांग्रेस और जद-एस में पिछले चार साल से चल रहे समझौते के मुताबिक कांग्रेस के कोटे में महापौर और जद-एस के कोटे में उपमहापौर का पद होगा। गठबंधन के नेताओं का कहना है कि महापौर के लिए कांग्रेस के बी एस सत्यनारायण और उपमहापौर पद के लिए जद-एस के उपमहापौर पद के लिए मोहम्मद रिजवान के नाम पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, दोनों दलों ने अभी उम्मीदवारों के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। भाजपा में पालिका में विपक्ष के नेता पद्मनाभ रेड्डी के अलावा एल श्रीनिवास और के. उमेश के नाम की चर्चा है।
ये करेंंगे चुनाव 257 हैं कुल मतदाता
198 वार्ड पार्षद
05 लोकसभा सदस्य
09 राज्यसभा सदस्य
22 विधान परिषद सदस्य
23 विधानसभा सदस्य
मतपत्र से मतदान : महापौर व उपमहापौर के चुनाव के लिए परंपरागत तरीके के मतपत्र का इस्तेमाल किया जाएगा।
198 वार्ड पार्षद
05 लोकसभा सदस्य
09 राज्यसभा सदस्य
22 विधान परिषद सदस्य
23 विधानसभा सदस्य
मतपत्र से मतदान : महापौर व उपमहापौर के चुनाव के लिए परंपरागत तरीके के मतपत्र का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये कर सकते हैं मतदान
महापौर और उपमहापौर के चुनाव में 198 निर्वाचित वार्ड सदस्यों के साथ ही पालिका के क्षेत्र में आने वाले विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के सदस्य भी मतदान कर सकते हैं। इसके अलावा बेंगलूरु शहर में मतदाता के तौर पर पंजीकृत राज्यसभा और विधान परिषद सदस्यों को भी मतदान का अधिकार होता है।
महापौर और उपमहापौर के चुनाव में 198 निर्वाचित वार्ड सदस्यों के साथ ही पालिका के क्षेत्र में आने वाले विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के सदस्य भी मतदान कर सकते हैं। इसके अलावा बेंगलूरु शहर में मतदाता के तौर पर पंजीकृत राज्यसभा और विधान परिषद सदस्यों को भी मतदान का अधिकार होता है।
संख्या का खेल
131 मतदाता हैं अभी गठबंधन के पास
126 मतदाता हैं अभी भाजपा के पास
129 है सत्ता के लिए जादुई अंक
131 मतदाता हैं अभी गठबंधन के पास
126 मतदाता हैं अभी भाजपा के पास
129 है सत्ता के लिए जादुई अंक