हाथों में तख्तियां और पोस्टर उठाए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जबर्दस्त नारे लगाए और गिरफ्तारी को गैरकानूनी व दमनकारी कदम करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में एक ऑनलाइन दस्तावेज़ को संपादित करने के अलावा दिशा का कोई भी दोष नहीं है। क्या कोई सबूत है कि इस सार्वजनिक डोमेन पर मौजूद दस्तावेज़ ‘टूलकिट’ का कोई भयानक लक्ष्य है?
उन्होंने कहा कि अगर एक लोकतांत्रिक सरकार होती तो इस मुद्दे को शालीनता से हल करने का प्रयास करती। लेकिन भाजपा सरकार ने क्या किया? उन्होंने एक मासूम लड़की को किसी पागल साजिश में शामिल आतंकवादी के रूप में चित्रित किया। उन्होंने उसकी हर जगह परेड कराई और धमकाने व उत्पीड़न का सहारा ले रहे हैं।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने युवा कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा इस गिरफ्तारी से पता चलता है कि विचारों और जुनून के साथ काम करने वाले युवाओं को उनके विचारों के लिए सताया जा रहा है। हम एक ऐसा देश बन गए हैं जहां अगर आप अहिंसक हैं और जलवायु परिवर्तन या किसानों के लिए खड़े हैं, तो आपको गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ, यदि आप हिंसक होते हैं और घर-घर जाकर लोगों को सत्तारूढ़ दल के लिए दान करने को कहते हैं तो आप स्वतंत्र हैं।
विधायक सौम्या रेड्डी ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कुछ हफ्ते पहले ही राजभवन चलो विरोध के दौरान मेरे साथ भी ऐसा ही किया था। यहां तक कि मुझे एक होमगार्ड के साथ मारपीट करने वाली हिंसक अपराधी बताने की कोशिश करने के लिए मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि डर कर खामोश नहीं रहना चाहिए। यह सरकार द्वारा हमें डराने का एक अत्यंत दमनकारी और अलोकतांत्रिक कदम है। इस गिरफ्तारी के पीछे संदेश है कि चुप रहो वरना अगला नंबर तुम्हारा ही होगा।
दमनकारी सरकार के खिलाफ, किसानों और दिशा को समर्थन देना और उनके लिए आवाज उठाना हमारा अधिकार है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार इसे पसंद करती है या नहीं, लेकिन लोकतंत्र का यही मतलब है।