बजट में अगले पांच वर्षों के दौरान ढांचागत विकास पर 100 लाख करोड़ रुपए निवेश का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना का उल्लेख प्रमुखता से किया। उन्होंने कहा कि इस उपनगरीय रेल प्रणाली में किराए मेट्रो की तर्ज पर वसूले जाएंगे। अधिकारियों का कहना है ऐसे में मुंबई या चेन्नई की तरह उपनगरीय व मेट्रो रेल के किराए में ज्यादा अंतर नहीं होगा।
हालांकि, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि रेल मंत्रालय ने कैबिनेट नोट का मसौदा संबंधित मंत्रालयों के भेज दिया है। उम्मीद है कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति इस परियोजना को जल्द ही मंजूरी दे देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सी कलेंडर वर्ष में परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
उपमुख्यमंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने भी सीतारमण की इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि बेंगलूरु शहरी परिवहन प्रणाली में एक स्वागतयोग्य सुधार होगा। गौरतलब है कि परियोजना के लिए आवश्यक कुल भूमि में से 327 एकड़ रेलवे की जमीन और 35 एकड़ राज्य सरकार की जमीन उपलब्ध है। शेष 71 एकड़ निजी जमीन का अधिग्रहण इस परियोजना के लिए किया जाना है।
परियोजना को लागू करने के लिए एक अलग संयुक्त साझेदारी वाली कंपनी कर्नाटक रेलवे डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना की जाएगी। केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा 60 फीसदी फंड की व्यवस्था वित्तीय एजेंसियां जैसे एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) आदि से हो सकती है।
पिछले वर्ष कहा गया था कि बेंगलूरु उपनगरीय रेल में अत्याधुनिक एसी इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट रेक का उपयोग होगा जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत होगा। रेल अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षित और सुविधापूर्ण यात्रा को ध्यान में रखकर ऐसे रेल डिब्बों का इस्तेमाल किया जाएगा।