scriptसर्वश्रेष्ठ कला वह जो आत्मा को जगाए: ज्ञानमुनि | Best art that awakens the soul: Gyanmuni | Patrika News

सर्वश्रेष्ठ कला वह जो आत्मा को जगाए: ज्ञानमुनि

locationबैंगलोरPublished: Sep 28, 2020 03:49:33 pm

विजयनगर में प्रवचन

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बेंगलूरु. विजयनगर में ज्ञानमुनि ने कहा कि महर्षियों का कथन है कि कला ही ब्रह्म है। कला ऐसी है जो पत्थर में छुपी मूर्तियों को निखारती है। यह कला वही है जो शब्द में छिपे छंद को मुक्त करती है। यह कला वह है जो वीणा में सोए संगीत को जगाती है, परंतु सर्वश्रेष्ठ कला वह है जो सूक्त आत्मा को जगाती है। यह मानव जन्म सोने के लिए नहीं अपितु सोई हुई आत्मा को जगाने के लिए मिला है। सूक्त आत्मा को जगाने के लिए दूसरों के नहीं अपनी आत्मा के मालिक बनो।
मुनि ने कहा कि आज के मनुष्य के जीवन शैली ऐसी रही है वह अपना मालिक कभी नहीं बन पाया। क्योंकि दूसरा व्यक्ति ही उसके जीवन की गतिविधियों का संचालन करता है। प्रत्येक व्यक्ति अपना स्वभाव से नहीं दूसरों के प्रभाव से जी रहा है।
दूसरों के शब्दों से व्यक्ति प्रभावित होकर संचालित हो जाता है कि स्वयं के भीतर झांकने का अवसर ही नहीं आ पाता। भगवान महावीर ने कहा है कि तुम स्वयं मालिक हो अत:अपने मालिक बनो। अपना मालिक बनते ही हम भीतर की संपदा से परिचय कर लेते हैं होश का दिया जल जाए तो भीतर का मालिक बनना आसान है।
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