जीवन में चैतन्यता का संचार करती है भागवत कथा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रविवार को कलशयात्रा के साथ चामराजपेट स्थित श्रीनिवास कल्याण मंटप में सात दिवसीय श्रीमद भागवतकथा का शुभारंभ हुआ।
आदर्श कॉलेज से निकली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश रख शामिल हुई।

बेंगलूरु. दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रविवार को कलशयात्रा के साथ चामराजपेट स्थित श्रीनिवास कल्याण मंटप में सात दिवसीय श्रीमद भागवतकथा का शुभारंभ हुआ।
आदर्श कॉलेज से निकली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश रख शामिल हुई। मुख्य मार्ग से होते हुए कलशयात्रा आयोजन स्थल पर पहुंची। कथा वाचक साध्वी पदमहस्ता भारती ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत महापूर्ण ज्ञान की पयस्विनी है जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है।
श्रीमद् भागवत अर्थात जो श्री से युक्त है, श्री अर्थात चैतन्य, सौंदर्य एवं ऐश्वर्य है।
उन्होंने कहा कि यह हमारे जड़वत जीवन में चैतन्यता का संचार करती है, जो हमारे जीवन को सुन्दर बनाती है। यह अमृत कथा मृत्युलोक में श्रवण की जाती है और देवताओं को भी दुर्लभ है। साध्वी ने बताया कि तुंगभद्रा नदी यहां कल्याण करने वाली, चौरासी लाख योनियों से मुक्त दिलाने वाली मानव देह का प्रतीक है जो हमें ईश्वर की कृपा से प्राप्त होती है। आत्मदेव जीवात्मा का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य मोह आसक्ति के बंधनो को तोड़कर उस परम तत्त्व से मिलता है। ईश्वर की कृपा प्राप्त मनुष्य के जीवन का लाभ यही है कि हम ज्ञान और भक्ति से अपने जीवन को ऐसा बना लें कि अंत समय में भी प्रभु का स्मरण बना रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि समाजसेवी महेंद्र मुणोत थे। साध्वी मंदाकिनी भारती, कात्यायिनी भारती, उज्जैषा भारती और संपूर्णा भारती उपस्थित रही। १२ जनवरी तक सात दिवसीय कथा प्रतिदिन सायं ४.३० बजे से होगी।
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