मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को यहां इस संबंध में घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार साल में ऋण माफ करने की मूल योजना के बजाय अब वाणिज्यिक बैंकों से लिए कृषि ऋण को एक ही किश्त में माफ करने का निर्णय किया है।
सरकार के इस निर्णय के साथ ही वाणिज्यिक बैंकों से लिए गए पुनर्गठित ऋण के 2812 करोड़ रुपए, ओवर ड्यू ऋण के 3,057 करोड़ तथा नियमित ऋण की प्रोत्साहन राशि के 720 करोड़ रुपए सहित 6,589 करोड़ रुपए राज्य सरकार एकमुश्त माफ करेगी।
इस मद में पहले से जारी की जा चुकी धनराशि को घटाकर राज्य सरकार शेष रकम एकमुश्त किसानों के ऋण खातों में जमा कर उन्हें कर्ज मुक्त करेगी।
तेरह हजार से अधिक किसानों को राहत
राज्य सरकार अब तक 7.49 लाख कृषि ऋण खातों के लिए 3930 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है, जबकि 11.20 लाख खातों के लिए 4830 करोड़ रुपए रुपए जारी किए गए हैं।
तेरह हजार से अधिक किसानों को राहत
राज्य सरकार अब तक 7.49 लाख कृषि ऋण खातों के लिए 3930 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है, जबकि 11.20 लाख खातों के लिए 4830 करोड़ रुपए रुपए जारी किए गए हैं।
इस निर्णय से ऋण वर्गीकरण की समस्या से असमंजस की स्थिति का सामना कर रहे 13,123 किसानों को राहत मिली है। इन किसानों ने 21 राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज ले रखा है और राज्य सरकार ने उनके कर्ज के बकाया की मद में 59.48 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं।
विशेष प्रकोष्ठ का किया गठन
किसानों द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों व प्रादेशिक बैंकों से लिए ऋणों की माफी योजना 2018 को पूर्णत: व व्यापक स्तर पर लागू करने पर निगरानी रखने के लिए आयुक्त भूमि मापन व राजस्व व्यवस्था तथा भूमि दस्तावेज विभाग की अध्यक्षता में विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
इसके साथ ही एनपीए ऋणों पर ब्याज की राशि चुकाने के बारे में अलग से निर्णय की बात भी सरकारी आदेश में कही गई है।