सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा की नजरें हैदराबाद-कर्नाटक व मुंबई-कर्नाटक के कुछ विधायकों पर टिकी हैं। पार्टी के एक प्रभावी नेता ने उनको पार्टी व सरकार में उचित पद देने और उपचुनाव में खड़े होने पर पूरा चुनाव खर्च उठा कर जिताने का भी आश्वासन दिया है। बताया जाता है कि भाजपा नेताओं ने बसवनबागेवाड़ी से चुने गए शिवानंद पाटिल, जमखंडी के सिद्धू न्याम गौड़ा, कुष्टगी के अमरेगौड़ा बैयापुर, सिंधनूर के वेंकटराव नाडगौड़ा, मस्की के प्रताप गौड़ा, हुमनाबाद के राजशेखर पाटिल के अलावा शरणबसप्पा दर्शनापुर, विजयनगर के आनंद सिंह, बल्लारी से जीते नागेन्द्र, कंपली से जीते जे.एन. गणेश सहित 10 विधायकों को लुभाने की पहल की है।
हालांकि रानीबेन्नूर सीट से जीते निर्दलीय शंकर ने पहले भाजपा को समर्थन देने की बात कही लेकिन अब वे कांग्रेस के खेमे से जुड़ गए हैं। इसके अलावा मुलबागल से जीते नागेश को पार्टी से जोडऩे का जिम्मा बेंगलूरु के एक प्रभावी नेता को सौंपा गया है। बताया जाता है कि बल्लारी से जीते बी. नागेन्द्र को भाजपा में लाने के लिए आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी की मदद ली जा रही है। वहीं हाल में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए आनंद सिंह को तोडऩे के लिए बल्लारी के एक प्रभावी नेता की सहायता ली जा रही है।
दोनों खेमों में जोड़-तोड़ का खेल
किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण दोनों ही खेमा विधायकों के जोड़-तोड़ की कोशिश में जुटा है। चर्चा है कि भाजपा संख्या जुटाने के लिए जद (ध) और कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायकों पर डोरे डाल रही है। भाजपा के ऑपरेशन कमल के जवाब में कांग्रेस और जद (ध) भी भाजपा के करीब आधा दर्जन विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण दोनों ही खेमा विधायकों के जोड़-तोड़ की कोशिश में जुटा है। चर्चा है कि भाजपा संख्या जुटाने के लिए जद (ध) और कांग्रेस के करीब एक दर्जन विधायकों पर डोरे डाल रही है। भाजपा के ऑपरेशन कमल के जवाब में कांग्रेस और जद (ध) भी भाजपा के करीब आधा दर्जन विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है।