सिद्धरामैया ने मांगा इस्तीफा बताया जाता है कि येडियूरप्पा को उस वक्त गुस्सा आया जब सिद्धरामैया ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए जनता का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा को बहुमत मिला ही नहीं था। उन्होंने कहा, यह सरकार आपरेशन कमल के जरिए सत्ता में आई। उन्होंने सरकार पर पिछले साल बाढ़ के दौरान राज्य की जनता को राहत पहुंचाने में विफल रहने का आरोप लगाया। मेंगलूरु में सीएए के विरोध में हिंसक भीड़ पर गोली चलाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को विफल बताया।
विजयेन्द्र पर घूस लेने का आरोप उन्होंने येडियूरप्पा के पुत्र व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयेन्द्र पर बेंगलूरु विकास प्राधिकरण के ठेकेदार से घूस लेने का आरोप लगाया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के जज से आरोपों की जांच की मांग की जिसे येडियूरप्पा ने अस्वीकार कर दिया।
राजनीति से संन्यास ले लूंगा आरोपों पर जवाब देते हुए येडियूरप्पा ने कहा कि यदि यह साबित हो जाता है कि रिश्वत में मेरा परिवार शामिल है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। और यदि यह गलत है तो आपको इस्तीफा देना चाहिए। येडियूरप्पा ने कहा कि निराधार आरोप लगाते हुए आपको शर्म आनी चाहिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां बताईं और दावा किया कि कोरोना महामारी के बावजूद सरकार ने हर क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां बताईं और दावा किया कि कोरोना महामारी के बावजूद सरकार ने हर क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है।