भाजपा ने परिषद में इस मसले को कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए उठाया। परिषद में विपक्ष के नेता के एस ईश्वरप्पा ने जार्ज के साथ ही सरकार के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए। इस पर सत्तापक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई और सदन में शोरगुल की स्थिति बन गई। भाजपा सदस्यों ने कहा कि जब तक जार्ज पद से त्यागपत्र नहीं देते तब तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।
सदन में पूर्व मुख्यमंत्री धरमसिंह, पूर्व मंत्री कमरूल इस्लाम व अन्य के निधन पर शोक प्रस्ताव के फौरन बाद ईश्वरप्पा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव रखने की मांग की, जिसका सत्तापक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। सभापति ने प्रशनकाल शुरू करने से पहले कार्यस्थगन प्रस्ताव पर संक्षिप्त बहस की अनुमति दी।
ईश्वरप्पा ने गणपति का विडियो सदन में प्रदर्शित करने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री रमेश कुमार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह एक आश्चर्यजनक सुझाव है लिहाजा इसे खारिज ही किया जाए। इसके बाद दोनों पक्षों में बहस छिड़ गई। भाजपा सदस्यों ने कुछ समय के लिए अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्रित होकर कुछ देर तक धरना दिया।
सत्तारूढ़ पार्टी के वीएस उग्रप्पा ने व्यवस्था की प्रश्न उठाया लेकिन सभापति ने यह कहते हुए इसकी अनुमति नहीं दी कि सदस्य पीठ को चुनौती दे रहा है। दोनों पक्षों में बहस के बीच ही सभापति ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर ने जार्ज से तत्काल त्यागपत्र देने की मांग की है। शेट्टर ने कहा कि सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के मद्देनजर जार्ज को तत्काल पद छोडऩा चाहिए। गौरतलब है कि डीएसपी गणपति ने पिछले साल मडिकेरी में आत्महत्या करने से पहले एक स्थानीय टीवी चैनल को दिए बयान में तत्कालीन गृहमंत्री केजे जार्ज तथा दो अन्य आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया था।
विप से भाजपा ने किया बहिर्गमन
शोक प्रस्ताव पारित करने के बाद सभापति डी.एच. शंकरमूर्ति ने जब प्रश्नकाल शुरू करने का प्रस्ताव किया तो विपक्ष के नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने सवाल उठाया कि सवालों के जवाब देने के लिए जब संबंधित मंत्री ही हाजिर नहीं हैं, तो प्रश्नकाल का क्या फायदा। इस पर सभापति ने कहा कि सदन में मंत्री यूटी खादर, उमाश्री, एच. आंजनेया मौजूद हैं और सारे सवालों के जवाब देने को तैयार हैं।
कुछ समय में संबंधित विभागों के मंत्री भी सदन में आ जाएंगे। इस जवाब से नाराज ईश्वरप्पा ने कहा कि सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देने वाले मंत्री ही नहीं आए हैं। उन्हें काम में रुचि नहीं है तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए। फिर नाराज ईश्वरप्पा अन्य सदस्यों के साथ सदन से उठकर चले गए।
इससे पहले सभापति ने सदन को सूचित किया कि योजना, विज्ञान व तकनीकी मंत्री एम.आर.सीताराम को सदन का नेता मनोनीत किया गया है। इस पर मंत्री एचएम रेवण्णा, उमाश्री, यूटी खादर, एच. आंजनेया व आइवन डिसूजा व अन्य लोगों ने सीताराम को बधाई दी। सीताराम ने कहा कि अनेक वरिष्ठ नेता सदन के नेता के तौर पर काम करके सदन की के सम्मान व गरिमा को बढ़ा चुके हैं और वे भी उनका अनुकरण करेंगे।
विपक्ष के नेता ईश्वरप्पा ने कहा कि सदन के नेता मलनाडु विकास बोर्ड के भी सदस्य हैं। बोर्ड के कार्यक्रमों को लागू करने के लिए धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है लिहाजा उन्हें मुख्यमंत्री से चर्चा कर मलनाडु क्षेत्र के जिलों के विकास के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करवाना चाहिए।