मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने तत्कालीन स्पीकर रमेश कुमार के साथ मिलकर साजिश रची और विधायकों को सदस्यता से अयोग्य ठहराया। हमें विश्वास था कि पूर्व विधायकों को कोर्ट से न्याय मिलेगा और चुनाव लडऩे पर लगी रोक हटेगी। विधायकों को उपचुनाव लडऩे की अनुमति देने से कांग्रेस के प्रयासों को झटका लगा है। येडियूरप्पा ने कहा कि गुरुवार को ही उपचुनाव वाले क्षेत्रों में मंत्रियों व नेताओं को प्रभारी के तौर पर नियुक्त करके सभी 17 सीटों को जीतने की रणनीति बनाई जाएगी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को सदस्यता से अयोग्य ठहराने के बारे में स्पीकर के आदेश को आंशिक तौर पर बहाल रखा है। वे इसका स्वागत करते हैं। यदि भाजपा के पास कोई सिद्धांत हो तो उसे अयोग्य विधायकों को पार्टी टिकट नहीं देने चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने विधायकों के दल-बदल करने को सही नहीं ठहराया है और भाजपा को उनको अपनाना नहीं चाहिए।
इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा कि फैसला अपेक्षा के अनुरूप रहा है। इन तमाम विधायकों को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। हम फैसले का स्वागत करते हैं। हमें उप चुनावों में बहुत अच्छे प्रदर्शन का विश्वास है। भाजपा खुद गुटों में बंटी हुई है और हमारे लोग उनका डटकर सामना करने के लिए तैयार हैं।
सदस्यता से अयोग्य ठहराए विधायकों ने चुनाव लडऩे पर रोक से राहत देने का स्वागत किया है। पूर्व विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा कि हमें चुनाव लडऩे से रोकने के स्पीकर के फैसले को खारिज कर दिया गया है, लिहाजा हम उप चुनाव लड़ेंगे। हिरेकेरूर के पूर्व विधायक बीसी पाटिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने हमारे चुनाव लडऩे के अधिकार को बहाल रखा है। पूर्व विधायक रमेश जारकीहोली, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना, बैरती बसवराज, एसटी सोमशेखर आदि सभी अयोग्य ठहराएग गए विधायकों ने फैसले का स्वागत किया है।