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बैंगलोर

दक्षिण के द्वार पर भगवा आंधी की धमक

लोकसभा चुनाव 2019 : सत्तारूढ़ गठबंधन को चुनाव के नतीजों से बड़ा धक्का, राज्य के राजनीतिक हालात पर पड़ेगा असर
राज्य में भाजपा ने किया क्लीन स्वीपराज्य की 28 में से 25 लोकसभा सीटें जीतींकांग्रेस और जनता दल-एस का गठबंधन बुरी तरह परास्तचिक्कोड़ी और कोलार तक हारी कांग्रेस

बैंगलोरMay 24, 2019 / 01:02 am

Rajendra Vyas

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दक्षिण के द्वार पर भगवा आंधी की धमक

बेंगलूरु. लोकसभा चुनावों में कर्नाटक का जनादेश एकतरफा भाजपा के पक्ष में रहा। भाजपा ने क्लीन स्विप करते हुए राज्य की 28 में से 25 लोकसभा सीटें जीत ली जबकि एक सीट पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुमालता अंबरीश के खाते में आई। कांग्रेस और जनता दल-एस गठबंधन बुरी तरह परास्त हुआ और दोनों ही पार्टियों को महज एक-एक सीटों से संतोष करना पड़ा है।
भाजपा की सुनामी में बड़े-बड़े दिग्गज पस्त हो गए। तूमकुरु से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भाजपा प्रत्याशी जीएस बसवराजू से महज 12 हजार 387 मतों से हारे। चुनावी राजनीति में अजेय मल्लिकार्जुन खरगे अपने ही शिष्य भाजपा उम्मीदवार उमेश जाधव से 95 हजार 168 मतों से हार गए। पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली भी अपनी सीट नहीं बचा पाए और भाजपा के बीएन बच्चेगौड़ा से 1 लाख 8 2 हजार 110 मतों के अंतर से हार गए।
प्रदेश में कांग्रेस-जद-एस गठबंधन पूरी तरह नाकाम रहा। उलटा गठबंधन के कारण दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में उपजे आक्रोश का लाभ भाजपा को मिला और कई ऐसी सीटें जीत ली जो आज तक नहीं जीत पाई थी। विशेष रूप से कोलार और चामराजनगर में भाजपा की जीत ऐतिहासिक रही।
कोलार में वरिष्ठ कांग्रेस नेता केएच मुनियप्पा को भाजपा प्रत्याशी एस. मुनिस्वामी ने शिकस्त दी तो चामराजगर में श्रीनिवास प्रसाद ने महज 341 मतों के अंतर से कांग्रेस के आर.धु्रवनारायण को पटखनी देकर पहली बार कमल खिलाया।
दक्षिण कर्नाटक की 14 में से 11 सीटें भाजपा के खाते में आई तो उत्तर कर्नाटक की सभी 14 सीटों पर कब्जा जमाया। बेंगलूरु शहर की तीनों सीटें फिर एक बार भाजपा के नाम रही। बेंगलूरु दक्षिण से युवा भाजपा उम्मीदवार तेजस्वी सूर्य ने लगभग 3 लाख 29 हजार मतों से जीत दर्ज की।
तीस साल बाद इतना बड़ा जनमत
वर्ष 1989 के बाद यह पहला अवसर है जब राज्य की जनता ने किसी एक पार्टी के पक्ष में इतना बड़ा जनमत दिया है। इससे पहले नौंवे लोकसभा चुनाव (वर्ष 1989) में कांग्रेस ने राज्य की 28 में से 26 सीटें जीती थी। भाजपा की यह राज्य में सबसे बड़ी जीत है। वर्ष 2009 में भाजपा ने 28 में से 19 सीटें जीती थी। भाजपा को इस बार लगभग 51.4 फीसदी वोट मिले जबकि कांग्रेस को लगभग 31.9 फीसदी और जद-एस को लगभग 9.7 फीसदी मत मिले।
राज्य की सबसे हॉट सीट मंड्या में निर्दलीय उम्मीदवार सुमालता अंबरीश ने जद-एस प्रत्याशी और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को 1 लाख 25 हजार 38 2 मतों के अंतर से हराया। कांग्रेस के खाते में सिर्फ बेंगलूरु ग्रामीण की सीट आई। यहां डीके शिवकुमार के भाई व वर्तमान सांसद डीके सुरेश ने 2 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की। वहीं, एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवण्णा हासन से 1.41 लाख से अधिक मतों से जीतने में कामयाब रहे।
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