कार्यकर्ताओं की सभा में येड्डियूरप्पा ने कहा कि उनका बेटा विजयेंद्र चुनाव नहीं लड़ेगा। येड्डियूरप्पा ने कहा कि विजयेंद्र आज नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेंगे। अब पार्टी यहां से किसी कार्यकर्ता को टिकट देगी और वह नामांकन पत्र भरेगा। येड्डियूरप्पा की इस घोषणा का कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और विजयेंद्र को ही टिकट देने की मांग की। कार्यकर्ताओं को शंात कराने की कोशिश करते हुए येड्डियूरप्पा ने कहा कि आलाकमान का फैसला ही अंतिम है और वे लोग पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करें।
हालांकि, कार्यकर्ताओं का विरोध जारी रहा और येड्डियूरप्पा के वहां से जाने के बाद गुस्साए कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए और आलाकमान के खिलाफ नारे लगाते हुए मंच पर सोफा, कुर्सी, टेबल और गुलदस्तों को निशाना बनाया। इसी बीच वाहनों पर पथराव भी किया, जिससे भगदड़ मच गई। पुलिस को हालात पर नियंत्रण करने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
विजयेन्द्र के वाहन पर हमले का प्रयास
इसी बीच वरुणा में भी कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर विजयेन्द्र की कार को निशाना बनाया और उस पर हमला करने का भी प्रयास किया। विजयेन्द्र को पुलिस की कड़ी सुरक्षा केबीच पुलिस वाहन में ही कहीं ले जाया गया। वहां भी चुनाव प्रचार करने के लिए बुलाई गई बैठक में हंगामा हुआ। कुर्सियों को निशाना बनाया गया। वहां भी तनाव उत्पन्न होने पर पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अगर इस तरह का निर्णय लेना ही था तो फिर विजयेन्द्र के नाम की चर्चा क्यों शुरू की गई। वे कुछ दिनों से इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जनता दल (ध) ने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को चामुण्डेश्वरी और उनके पुत्र डॉ. यतीन्द्र को हराने के लिए अंदरखाते समझौता किया है। उसी कारण भाजपा ने चामुण्डेश्वरी में ‘कमजोर’ उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। वरुणा में भाजपा से विजयेन्द्र को खड़ा करने की बात हुई थी। इसके लिए विजयेन्द्र ने क्षेत्र में किराए का मकान भी लिया।