बैंगलोर

पानी की बर्बादी रोकने में बोर्ड को मिली 37 प्रतिशत सफलता

जल संकट से परेशान रहने वाले बेंगलूरुवासियों के लिए अब ज्यादा पानी मिल सकेगा।

बैंगलोरJan 21, 2019 / 12:54 am

शंकर शर्मा

पानी की बर्बादी रोकने में बोर्ड को मिली 37 प्रतिशत सफलता

बेंगलूरु. जल संकट से परेशान रहने वाले बेंगलूरुवासियों के लिए अब ज्यादा पानी मिल सकेगा। ज्यादा पानी मिलने की संभावना के पीछे मूल कारण पानी की बर्बादी रोकने में बेंगलूरु जलापूर्ति एवं सीवेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) को सकारात्मक सफलता मिली है।

बोर्ड के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में शहर में पानी की बर्बादी रोकने में बड़ी सफलता हासिल हुई। बोर्ड चेयरमैन तुसार गिरिनाथ के अनुसार मौजूदा वर्ष में बेहिसाबी पानी की मात्रा ३७ प्रतिशत तक कम हुई है। इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी कम हुई है बल्कि बोर्ड के राजस्व में भी रेकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई है और पिछले महीने ११३ करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।


उन्होंने कहा कि वर्ष-२०१३ में १६४ करोड़ रुपए से बेहिसाबी पानी को रोकने की परियोजना शुरू की गई थी। इसका मकसद उस पानी की बर्बादी को रोकना था जो पाइप लाइन के लीकेज और पुराने पाइपलाइन के कारण हो रहा था। पिछले वर्षों के दौरान इसमें सकारात्मक सफलता मिली और अब तक तय लक्ष्य का ४८ प्रतिशत हासिल किया जा चुका है। परियोजना के तहत १०० मिमी डायामीटर वाली पुरानी पाइपों को बदला गया और पुरानी पाइपों में सभी दरारों और छेदों को बंद करने का मरम्मत किया गया। इसके अतिरिक्त अवैध पानी कनेक्शन वालों पर भी कार्रवाई की गई जिससे पानी की बर्बादी रोकने में सफलता मिली है।


नए क्षेत्रों में पहुंचा पानी
बीडब्ल्यूएसएसबी द्वारा पानी बचत का फायदा आम जनता को भी मिल रहा है। बोर्ड के अनुसार शहर के बाहरी क्षेत्रों के ३५ गांवों में अब पेयजल आपूर्ति शुरू की गई है जबकि कुल १०० गांवों तक पानी पहुंचाने की योजना है।


चूंकि पानी की बर्बादी रोकी गई है इसलिए नए क्षेत्रों तक पानी पहुंचाने में सफलता मिल रही है। वहीं पुराने क्षेत्रों में लोगों को ज्यादा बेहतर तरीके से पानी मिलने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।

अस्तित्व में आएगा कावेरी जलापूर्ति स्टेज-५
बेंगलूरु. बीडब्ल्यूएसएसबी ने कावेरी जलापूर्ति परियोजना, स्टेज-५ के लिए परामर्श कंपनियों के चयन को अंतिम रूप दिया है। इसमें तीन जापानी कंपनियों सहित भारत की ओरिएंटल कंसल्टेंसी ग्लोबल, एनजेएस इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, ब्लैक वीच और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स फरवरी या मार्च तक निविदाएं जारी करेंगी। परामर्श कंपनियां वर्ष 2026 तक पूरे स्टेज-५ परियोजना के काम को अंतिम रूप देने के लिए जिम्मेदार होंगी। ५५०० करोड़ रुपए की परियोजा के तहत शहर की परिधि में पांच जमीनी स्तर के जलाशयों का निर्माण होगा जो गोट्टीगेरे, काडुगोडी, चोक्कहल्ली, सिंगापुरा और लिंगदेवरहल्ली में बनेंगी।

स्टेज-५ की परियोजना से कावेरी बेसिन से २९ टीएमसी पानी प्रति वर्ष हासिल करने का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। बीडब्ल्यूएसएसबी के एक इंजीनियर ने कहा, स्टेज-५ के पूरा होने पर बेंगलूरु में जलापूर्ति की मात्रा ७७५ एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) बढ़ जाएगी जो मौजूदा समय में १४०० एमएलडी है। वर्ष २०२२ तक इसके चालू होने का लक्ष्य है और तब शहर को २१७५ एमएलडी पानी मिलने लगेगा। स्टेज-५ से शहर के बाहरी क्षेत्रों के ११० गांवों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने में सफलता मिलेगी।

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