दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल के उस दावे के बाद कि 'कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनसे २५०० करोड़ रुपए की मांग की' राज्य में सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने विवादों को हवा देते हुए पहले सत्तारूढ़ भाजपा से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी बिकाऊ है और अब उन्होंने आरोप लगाए हैं कि बोम्मई को पैसे के बदले इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया गया है।
सिद्धरामय्या ने कहा 'बोम्मई केवल संघ के निर्देशों का पालन कर रहे हैं क्योंकि संघ ने ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। चूंकि, बसवराज बोम्मई एक निर्वाचित मुख्यमंत्री नहीं बल्कि नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री है, इसलिए कुछ काम नहीं कर रहे हैं। संघ ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है इसलिए उनके निर्देशों का पालन करना ही उनके लिए काफी है।' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार चार साल में जरूरतमंदों को एक घर तक नहीं दे पाई है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा 'क्या ऐसी सरकार रहनी चाहिए।Ó उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने १५ लाख घर बनवाए।
21 मई तक दें अग्नि सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट
बेंगलूरु . स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने अधिकारियों को गर्मी के बीच 166 जिला व तालुक अस्पतालों में आग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों के अधिकारियों को अपने परिसर का अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने और राज्य अग्निशमन व आपातकालीन सेवा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कहा गया है।
राष्ट्रीय आरोग्य अभियान के तहत प्रत्येक अस्पताल को 50,000 रुपए दिए जाएंगे। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद डॉ. सुधाकर ने सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने का सुझाव दिया था क्योंकि गर्मी के कारण आग की दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जिन 166 अस्पतालों को ऑडिट करने का निर्देश दिया गया है, उनमें से 16 जिला अस्पताल और 150 तालुक अस्पताल हैं। अस्पताल के अधिकारियों को कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने के लिए 21 मई की समय सीमा दी गई है।