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अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की सुरक्षा के लिए विधेयक पेश

locationबैंगलोरPublished: Sep 21, 2021 12:44:28 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बचाए जा सकेंगे 1200 से अधिक धार्मिक निर्माणभविष्य में नहीं मिलेगी सार्वजनिक स्थलों पर निर्माण की अनुमति

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बेंगलूरु.
मैसूरु के नंजनगुड में एक मंदिर ढहाए जाने के बाद बचाव की मुद्रा में आई भाजपा सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में उन सभी धार्मिक संरचनाओं को बचानेे के लिए एक विधेयक पेश किया जो अवैध रूप से सार्वजनिक स्थानों पर निर्मित हैं।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक विधानसभा में पेश किया। इससे पहले बोम्मई ने दिन में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। विधेयक पारित होने के बाद सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को ढहाए जाने, स्थानांतरित करने या नियमन करने के 2009 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से बचाया जा सकेगा। विधेयक पारित होने सेे राज्य भर में लगभग 1242 अवैध धार्मिक संरचनाओं को बचाए जाने की उम्मीद है। विधेयक में धार्मिक संरचना की परिभाषा में मंदिर, चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारा, बोध विहार, मजार आदि को शामिल हैं जो बिना गैरकानूनी रूप से सार्वजनिक स्थान पर निर्मित हैं।
सरकार के अनुसार यह विधेयक सार्वजनिक स्थलों पर निर्मित धार्मिक संरचनाओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा और जनता की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करने के लिए आवश्यक है। हालांकि, विधेयक में कहा गया है कि वैसे किसी भी धार्मिक ढांचे को सुरक्षा नहीं मिलेगी यदि उसे हटाने से संबंधित कोई मामला किसी भी अदालत में लंबित है। या, ऐसी कोई अन्य परिस्थितियां हैं। विधेयक में यह भी कहा गया है कि भविष्य में सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी धार्मिक ढांचे के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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