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ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने बताया मंत्रों का महत्व

locationबैंगलोरPublished: Jun 28, 2022 08:27:29 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

समागम में श्रद्धालुओं ने किया ध्यानप्रिसेस गोल्फ में हुआ आयोजन

ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने बताया मंत्रों का महत्व

ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने बताया मंत्रों का महत्व

बेंगलूरु. भगवान लक्ष्मीनारायण धाम की समागम आयोजन समिति की ओर से पैलेस ग्राउंड के प्रिंसेस गोल्फ में रविवार को प्रभु कृपा दुख निवारण समागम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बेंगलूरु सहित समूचे कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, असम, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र व गुजराज से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने समागम में भाग लिया। देश के विभिन्न हिस्सों से आए अनुयायियों ने समागम ने जुडऩे के बाद उनके स्वयं व परिवार में हुए बदलाव के बारे में अपने अनुभव साझा किए। ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को ध्यान का अभ्यास कराया। ध्यान के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं ने एक बार फिर अपने अनुभव साझा किए। समागम शाम करीब छह बजे शुरू हुआ जो मध्यरात्रि बाद तक जारी रहा।

ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने बताया मंत्रों का महत्व
रात करीब साढ़े आठ बजे ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी पैलेस ग्राउंड के प्रिंसेस गोल्फ पहुंचे। वहां उनका पारम्परिक तरीक से स्वागत किया गया। इसके बाद वे विश्राम के लिए गए। रात करीब दस बजे स्वामी मंच पर आए और पूजा अर्चना के बाद आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा निराकार रूप में सर्वव्यापक और सर्वशक्तिमान है। भगवान शिव का कथन है कि जो प्राणी मेरी शरण में आ जाता है, उसका कल्याण तो हो जाता है साथ ही वह दूसरों को शरण देने वाला भी हो जाता है। जो मनुष्य इसका पाठ करते हैं उसे आरोग्य, ऐश्वर्य, धन-संपदा, यश-कीर्ति आदि की प्राप्ति होती है, तथा उसके दुख तत्क्षण दूर हो जाते हैं। जो मनुष्य कृष्णपक्ष की अष्टमी व चतुर्दशी को अपना सब कुछ मां को अर्पण कर प्रसाद रूप में ग्रहण करता है उस पर मां भगवती प्रसन्न होती है। जब तक यह पृथ्वी रहती है तब तक उसकी पुत्र-पौत्र आदि परंपरा बनी रहती है और वह मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। मां दुर्गा की कृपा से साधक को हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है। उसे यश-कीर्ति, ऐश्वर्य, धन-संपदा प्राप्त होती है। उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। देवताओं को भी दुर्लभ इस पाठ के जाप से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

ब्रह्मर्षि कुमारस्वामी ने बताया मंत्रों का महत्व
स्वामी ने कहा कि भगवती मां दुर्गा आदि सनातन शक्ति है। तदनुसार हमारा धर्म और संस्कृति भी सनातन है। मां दुर्गा ने भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश को बनाया है और समस्त कीटाणुओं और जीवाणुओं को बनाने वाली तथा नष्ट करने वाली भी ये ही है। जितने भी रोग उत्पन्न होते हैं वे सब इन्हीं कीटाणुओं व जीवाणुओं के द्वारा ही होते हैं। समस्त विश्व के वैज्ञानिक इस बात से चिंतित हैं कि इन खतरनाक रोगाणुओं को कैसे रोका जाए और कैसे नष्ट किया जाए। जैसा कि अभी कोरोना काल में हुआ कि समस्त विश्व के वैज्ञानिकों ने रात-दिन एक करके वैक्सीन बनाने का कार्य किया। उनके प्रयासों में कोई कमी नहीं रही लेकिन फिर भी कोरोना को पूर्णरूप से परास्त नहीं किया जा सका है। केवल मां दुर्गा के बीज मंत्रों की कृपा का नाम पाठ ही इसे पूर्णरूप से नष्ट कर सकता है।
भगवान लक्ष्मी नारायण धाम के महासचिव गुरुदास ने बताया कि कोरोना जैसे रोगों के कीटाणु पूरे विश्व के लिए घातक बन चुके हैं। इस तथ्य को अमेरिका जैसे बुद्धिजीवी और वैज्ञानिक देश ने अपनी खोज के द्वारा मान लिया है कि प्रभु कृपा बीज मंत्र किसी भी असाध्य रोग का निवारण करने में सक्षम है और उन्होंने इन्हें मान्यता भी प्रदान कर दी है। गुरुदास ने बताया कि पिछले दिनों ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को अमेरिका की यात्रा के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली न्यूजर्सी सीनेट तथा जनरल असेंबली द्वारा ‘मास्टर ऑफ बीज मंत्र’ एवं ‘स्कॉलर ऑफ स्प्रिचुअल साइंस’ अवार्ड प्रदान किया गया। इन अद्भुत सम्मान पत्रों में बीज मंत्र का उल्लेख भी किया गया। बीज मंत्र की शक्ति का यह सशक्त प्रमाण है जिससे करोड़ों भाई-बहनों के दुख निवारण हुए हैं। अमेरिका जैसे वैज्ञानिक देश में बीज मंत्रों की शक्ति पर व्यापक रिसर्च हुआ है और अंतत: इसकी शक्ति को स्वीकार भी किया है।
हरियाणा के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. जेएस ओबरॉय ने कहा कि वे गंभीर चर्मरोग से पीडि़त थे। उनका शरीर पूरा प्रभावित था। लेकिन शरण में जाने के बाद गुरु कृपा के चलते वे पूरह तरह स्वस्थ हो गए हैं।
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