बैंगलोर

आसक्ति तोड़ो और विरक्ति से जिओ: आचार्य चन्द्रयश

सिद्धाचल धाम में प्रवचन

बैंगलोरJun 17, 2021 / 04:35 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. सिद्धाचल धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने कहा कि आम की गुठली व छिलके जब तक रस से जुड़े रहते हैं तब तक उनका मूल्य होता है।
जैसे ही आमरस से गुठली व छिलके अलग पड़ते हैं, त्योंही उन्हें रास्ते पर फंेक दिया जाता है। वे मूल्यहीन और तिरस्कार के पात्र बन जाते हंै। ऐसी ही संसार की माया है। वृद्धावस्था, रुग्णावस्था, आर्थिक संकट और अन्य विपत्ति के समय में ही पता चलता है कि अपने कितने हैं।
आचार्य ने कहा कि परमात्मा कहते हैं कि जब तक तेरे पुण्य का सितारा चमकता रहेगा, तेरे पास सत्ता संपत्ति एवं शक्ति होगी। तब तक दुनिया के अनेक लोग तेरे मित्र बन जाएंगे सब तुमसे जुडऩा चाहेंगे। परन्तु याद रखना वह सारे मित्र तुम्हारे नहीं हंै, तुम्हारी संपत्ति के हैं।
जिस दिन संपत्ति खाली हो जाएगी, वे सारे परिचित अपरिचित हो जाएंगे। सब अपना मुंह मोड़ लेंगे। सुखी जीवन का रहस्य है आसक्ति तोड़ो और विरक्ति से जिओ।

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