स्माइल लाएं, टेंशन हटाएं- डॉ. दर्शन प्रभा
स्माइल लाएं, टेंशन हटाएं- डॉ. दर्शन प्रभा
बेंगलूरु. गुरु ज्येष्ठ पुष्कर दरबार में चामराजपेट में विराजित साध्वी डॉ. समृद्धिश्री ने कहा हम सभी अपने मन को देखें कि वहां कैसी उधेड़बुन चल रही है। चिंता घुन है चिंतन धुन है। जैसे घुन गेहूं को भीतर ही भीतर खोखला कर देता है। वैसे ही चिंता जिसे लग जाती है उसे चिता के रास्ते ले जाती है चिंता और चिता में एकमात्र बिंदी का फर्क है। लेकिन चिता तो एक बारी जलाती है। चिंता जीवन भर जलाती रहती है। एक बार मरना आसान है लेकिन रोज-रोज का मरना और जलना व्यक्ति की आत्मा घातक हैं। कोई भूतकाल की बातों को लेकर चिंतित है कोई भविष्य की बातों की चिंता में है चिंता से उतरना है तो अपने वर्तमान जीवन के मालिक बने इस का आनंद लीजिए जो बीत गया सो बीत गया क्या आप भी तो इस समय को लौटा सकते हैं। जो आया नहीं है उसके लिए भी कैसी चिंता जो कल दिखाएगा वह उसकी व्यवस्था भी देखा जिसने चोंच दी है।
डॉ. दर्शन प्रभा ने कहा कि आज परम तपस्वी नहीं सोहन कुंवर का स्मृति दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा वह घोर तपस्वी थे, सरल थे, उनके जीवन में रग-रग में अणु-अणु में संयम का प्रभाव रहता था। संयम के प्रति जागरूक थे। जीवन में कोई दोष ना लग जाए हमेशा अलर्ट रहते थे। आज मुमुक्षु सोनम कोठारी का भी बहुमान किया गया। संघ की तरफ से दीक्षा में आने का निवेदन किया। कोप्पल से गुरु भक्तों का आगमन हुआ। निर्मल भाई चोपड़ा प्रकाश, भरत सकलेचा, मुकेश भंसाली, अक्षय चोपड़ा उपस्थित थे।