दरअसल, कैबिनेट विस्तार को देखते हुए मंत्री पद के लिए भाजपा नेता अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं। पहले कैबिनेट विस्तार में जिन वरिष्ठ नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया, वे दबाव बना रहे हैं। उमेश कत्ती जहां मंत्री पद का दावा कर रहे हैं, वहीं बल्लारी के वरिष्ठ नेता बी. श्रीरामुलु खुद को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
इस बीच येडियूरप्पा ने साफ किया कि मंत्री केवल उपचुनाव जीतने वाले ही बनेंगे। इससे पहले येडियूरप्पा ने रानीबेन्नूर से जीत दर्ज करने वाले अरुण कुमार को भी मंत्री पद नहीं देने की बात कही थी। येडियूरप्पा के बयान के मुताबिक अगले कैबिनेट विस्तार में उपचुनाव जीतने वाले 11 विधायकों को ही मंत्री बनाया जाएगा। उपचुनावों में भाजपा ने 15 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आगामी 21 अथवा 22 दिसम्बर को दिल्ली जाएंगे और कैबिनेट विस्तार का मुद्दा सुलझाकर लौटेंगे। नए मंत्रियों को महीने के अंत तक शपथ दिलाई जा सकती है। गौरतलब है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री सहित अधिक से अधिक 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसमें से 16 पद खाली हैं।
इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री से विधायक जी. सोमशेखर रेड्डी, मुरुगेश निराणी, उमेश कत्ती, उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी और रमेश जारकीहोली मिले। सूत्रों का कहना है कि नेताओं ने कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। वहीं, रमेश जारकीहोली ने उपमुख्यमंत्री बनाने के साथ ही मलाईदार जल संसाधन मंत्रालय देने की मांग की है।