सिद्धरामोत्सव के मंच पर शिवकुमार ने सिद्धरामय्या को जन्मदिन की बधाई दी, राहुल गांधी के समक्ष आलिंगनबद्ध हुए। लेकिन, एक ‘अहिंदाÓ (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और दलित) नेता के तौर पर सिद्धरामय्या की पहचान को चतुराई से नकार दिया। शिवकुमार ने आह्वान किया कि वे सिद्धरामय्या को एक अहिंदा नेता के तौर पर पेश नहीं करें। उन्होंने कहा ‘सिद्धरामय्या सभी समुदायों के नेता हैं। हम सिद्धरामय्या के नेतृत्व में एकजुट होकर काम करेंगे और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, केवल सिद्धरामय्या और मैं ही राज्य में पार्टी को सत्ता तक नहीं पहुंचा सकते। जब तक कि पार्टी के कार्यकर्ता सभी समुदायों के लोगों तक नहीं पहुंचेंगे तब तक यह नहीं होगा। हमें भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करना है। अतीत इतिहास है, भविष्य आपके हाथ में है। आपको पार्टी को सत्ता में अवश्य लाना है। कार्यकर्ताओं और नेताओं का एकमात्र इरादा यहीं होना चाहिए कि पार्टी को सत्ता में लाना है।Ó
शिवकुमार ने कहा ‘मैं पार्टी को विधानसभा की तीसरी मंजिल पर देखना चाहता हूं। हम सभी को भ्रष्ट भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेना चाहिए। जब सिद्धरामय्या मुख्यमंत्री थे और हम सब सरकार में मंत्री थे तब हमने कई जन-हितैषी कार्यक्रम शुरू किए। सिद्धरामय्या एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने सत्ता संभालने के एक घंटे के भीतर लोगों की भूख मिटाने की योजना बनाई। मैंने ऊर्जा मंत्री के तौर पर 7 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की। अगर हम राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित करते हैं तो सोनिया गांधी का हाथ मजबूत होगा और राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे।Ó
शिवकुमार और मैं, एक साथ: सिद्धू
वहीं, लाखों की भीड़ देखकर गदगद सिद्धरामय्या प्रत्यक्ष तौर पर प्रसन्न नजर आ रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धू ने कहा कि ‘मेरे और डीके शिवकुमार के बीच तथाकथित दरार केवल मीडिया का सृजन है। यह राजनीतिक विरोधियों का एक भ्रम था।Ó
वहीं, लाखों की भीड़ देखकर गदगद सिद्धरामय्या प्रत्यक्ष तौर पर प्रसन्न नजर आ रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धू ने कहा कि ‘मेरे और डीके शिवकुमार के बीच तथाकथित दरार केवल मीडिया का सृजन है। यह राजनीतिक विरोधियों का एक भ्रम था।Ó
उन्होंने कहा ‘शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख हैं। कई बार हमारे राजनीतिक विरोधी और मीडिया यह कहकर लोगों को गुमराह करते हैं कि मेरे और शिवकुमार के बीच अनबन है। मैं और शिवकुमार एक साथ हैं और हमारे सामने चुनौती है कि राज्य में भ्रष्ट और जनविरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंका जाए। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को फिर से प्रदेश में सत्तासीन किया जाए।Ó अपने 45 साल के राजनीतिक जीवन को याद करते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि राजनीति में कोई भी लोगों के निरंतर प्यार, समर्थन और आशीर्वाद के बिना जीवित नहीं रह सकता।
एकजुट होकर करें काम: वेणुगोपाल
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि इस अंधेरे युग में देश को प्रकाश की तलाश है। प्रकाश की यह किरण राज्य से मिलेगी। क्योंकि, पार्टी 2023 में सिद्धरामय्या के नेतृत्व में और शिवकुमार जैसे सक्रिय अध्यक्ष के साथ चुनाव जीतेगी।