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पहली लहर के मुकाबले कर्नाटक में केस फेटालिटी दर कम

locationबैंगलोरPublished: May 09, 2021 06:37:31 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– लेकिन पूर्ण आंकड़े सामने आने पर बढ़ेगी मृतकों की संख्या : विशेषज्ञ

पहली लहर के मुकाबले कर्नाटक में केस फेटालिटी दर कम

बेंगलूरु. कोरोना की पहली लहर के मुकाबले राज्य में कोविड केस फेटालिटी दर (सीएफआर) शुरू से ही कम रही है। लेकिन, विशेषज्ञों ने निकट भविष्य में सीएफआर बढऩे की आशंका जताई है। सरकार से एहतियाती कमद उठाने की अपील की है। चिकित्सकों के अनुसार सीएफआर सामने आई मौतों की संख्या पर आधारित है। मौतों की ऑडिट रिपोर्ट में आंकड़े बढ़ेंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि उल्लेखित मृतकों की संख्या व श्मशानों तक पहुंचने वाली शवों की संख्या के बीच अंतर है।

आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के दौरान राज्य में पॉजिटिविटी दर ज्यादा रही है। मंगलवार को यह दर 29 फीसदी से ज्यादा थी। अप्रेल में राज्य में 5,26,138 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। लेकिन, अप्रेल में कोविड से 2956 मरीजों की मृत्यु हुई। गत वर्ष अगस्त में 3388 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस वर्ष अप्रेल में सीएफआर 0.56 फीसदी रही जबकि गत वर्ष अगस्त में सीएफआर 1.55 फीसदी थी।

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने भी कुछ दिनों पहले राज्य में सीएफआर कम होने की बात कही थी।

नोडल अधिकारी (लैब और जांच) डॉ. सी. एन. मंजुनाथ के अनुसार मौतों की पूर्ण संख्या सामने आने पर सीएफआर बढ़ सकती है। शायद सीएफआर का आकलन करने का उपयुक्त समय दो और सप्ताह के बाद है। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर ने रफ्तार पकडऩी शुरू कर दी है। मई के अंत या जून के शुरुआत से कोविड के नए मामले घटने शुरू होंगे।

राज्य कोविड तकनीकी सलाहकार समिति के एक सदस्य ने बताया कि संक्रमण के दो से तीन सप्ताह बाद ज्यादातर मरीजों की मौत हो रही है। आइसीयू में दो सप्ताह तक उपचाराधीन रहने के बाद कई मरीजों की मृत्यु हुई है। लगभग सभी आइसीयू बिस्तर मरीजों से भरे हैं। मृत्यु रोकने के लिए जल्द से जल्द आइसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ानी होगी। सरकार अस्पतालों में चिकित्सीय ऑक्सीजन की समय रहते आपूर्ति सुनिश्चित करे।

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