शिवमोग्गा निवासी रियाज अहमद द्वारा दर्ज एक निजी शिकायत पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश प्रीत जे ने डोड्डापेट पुलिस को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत मामले की जांच करने का आदेश दिया। शिकायत में केएस ईश्वरप्पा (आरोपी 1) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक अन्य नेता चन्नबसप्पा (आरोपी 2) को मामले में प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है।
क्या है आरोप रियाज ने आरोप लगाया कि डोड्डापेट पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले ही ईश्वरप्पा ने सार्वजनिक रूप से प्रचार करना शुरू कर दिया था कि हर्ष की हत्या राजनीतिक और धार्मिक कारणों से की गई थी। रियाज ने आरोप लगाया कि ईश्वरप्पा ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी (enmity between Hindus and Muslims) को बढ़ावा देने की कोशिश की और लोगों को उकसाया। रियाज ने कहा कि इसके बाद 21 फरवरी को अंतिम संस्कार जुलूस के दौरान हिंसा भडक़ उठी थी जिसमें इमारतों पर पत्थर फेंके गए और वाहनों को आग लगा दी गई। ईश्वरप्पा भी अंतिम संस्कार के जुलूस का हिस्सा थे।
रियाज ने कहा कि उन्होंने पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन कथित दोषियों की राजनीतिक शक्तियों के कारण इस पर विचार नहीं किया गया।