scriptबैंकों में कैश की कमी मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा तो नहीं | Cash reduction in banks is not part of Modi's clean India campaign | Patrika News

बैंकों में कैश की कमी मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा तो नहीं

locationबैंगलोरPublished: Apr 18, 2018 06:38:39 pm

– कसा तंज, कहा-देशवासियों की समस्याओं पर भी कुछ बोलें प्रधानमंत्री- उन्नाव, कठुआ दुष्कर्म मामलों पर भी दागे तीखे सवाल

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बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रो. केई राधाकृष्ण ने मंगलवार को कठुआ, उन्नाव दुष्कर्म के मामलों तथा न्यायिक संस्थानों में पारदर्शिता को लेकर केंंद्र सरकार पर सवाल किए। उन्होंने मांग की है कि प्रधानमंत्री देशवासियों की समस्याओं पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों के एटीएम व बैंकों में कैश की कमी की खबरों पर उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि कहीं ये उनके स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा तो नहीं है! भारतीय अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी के लिए प्रधानमंत्री किसे जवाबदेह मानते हैं। प्रो. राधाकृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के कामकाज पर सवाल उठाने व असंतोष व्यक्त करने व इससे संबंधित अन्य घटनाक्रमों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री से पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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40 से कम उम्र के लोगों में बढ़ रही लिवर की बीमारियां
बेंगलूरु. 40 से कम उम्र के लोगों में लिवर की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। शराब, व्यायाम की कमी व वसायुक्त भोजन इसके मुख्य कारणों में हैं। मौत के 10 प्रमुख कारणों में लिवर की बीमारी भी शामिल है। महिलाओं से ज्यादा पुरुष प्रभावित हैं। विश्व लिवर दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को विक्रम अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में जानकारी दे रहे सर्जिकल गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सी. विक्रम बी. ने बताया, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश में हर साल करीब 10 लाख लोग लिवर सिरोसिस के शिकार हो रहे हैं। यह कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है। इसमें लिवर की कोशिकाएं बड़े पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं। इसका एक मात्र उपचार लिवर प्रत्यारोपण है।
मेडिकल गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट डॉ. धीरज करंत सी. ने कहा, लिवर की बीमारियों के उपचार में स्टेम सेल थेरेपी की संभावनाओं पर भी अनुसंधान जारी है। थकान, पीलिया, खुजली और भूख में कमी लिवर में समस्या की ओर इशारा करते हैं। हालांकि शुरुआत में ज्यादातर लक्षण सामने नहीं आते हैं। इसलिए लिवर की नियमित जांच जरूरी है। अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सोमेश मित्तल ने बताया अस्पताल के 32 चिकित्सकों ने अंगदान की शपथ ली। जिसमें लिवर भी शामिल है।
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