उल्लेखनीय है कि सीबीएसई बोर्ड सीनियर सेकंडरी कक्षाओं की परीक्षाओं का आयोजन 15 फरवरी से 30 मार्च के लिए निर्धारित थी, हालांकि कुछ पेपरों के आयोजित न होने के कारण बचे पेपरों के लिए नई मार्किंग स्कीम से अंक दिए गए हैं।
सीबीएसइ (CBSE) के अनुसार जिन विद्यार्थियों के परिणाम आकलन योजना के आधार पर घोषित किए गए हैं, उनको अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए वैकल्पिक परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति होगी, यदि वे ऐसा चाहते हैं। इन वैकल्पिक परीक्षाओं में एक विद्यार्थी द्वारा प्राप्त अंकों को ऐसे विद्यार्थियों के लिए अंतिम माना जाएगा, जिन्होंने इन परीक्षाओं को लेने का विकल्प चुना था।
टॉपर की सूची जारी नहीं
काउंसिल फॉर इंडिया स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) की तरह सीबीएसइ (Central Board of Secondary Education) ने भी इस वर्ष दोनों ही कक्षाओं के लिए टॉपर्स के नाम घोषित न करने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई असामान्य स्थिति के चलते सीबीएसइ ने यह निर्णय लिया है।
नहीं होगा इस शब्द का उपयोग
सीबीएसई ने इस बार से ‘अनुत्तीर्ण’ शब्द को ‘आवश्यक पुनरावृत्ति’ शब्द से बदलने का फैसला किया है। इसलिए, घोषित परिणाम में अनुत्तीर्ण शब्द का उल्लेख विद्यार्थियों को जारी किए गए दस्तावेजों और वेबसाइट पर होस्ट किए गए परिणाम में नहीं किया जाएगा। सीबीएसइ पुन: जांच और पुनर्मूल्यांकन के बारे में जल्द ही घोषणा करेगा।
सीबीएसइ ने परिणाम अपने आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए लेकिन ज्यादा ट्रैफिक होने के कारण विद्यार्थी कई घंटों तक परेशान रहे। भारी ट्रैफिक की वजह से वेबसाइट बेहद धीमी रही। 12 लाख से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
प्रदेश में 97.55 फीसदी लड़कियां, 96.64 फीसदी उत्तीर्ण
सीबीएसइ बेंगलूरु के क्षेत्रीय अधिकारी विकास अरोड़ा (Vikas Arora, Regional Officer, CBSE, Bengaluru) ने बताया कि सीबीएसइ ने कर्नाटक के स्कूलों के लिए पहली बार बेंगलूरु को एक अलग रीजन के तौर पर शामिल किया है।
कर्नाटक के 181 स्कूलों के कुल 11909 (6555 छात्र और 5354 छात्राएं) विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीयन कराया था। इनमें से 6526 छात्र और 5338 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं। 97.55 फीसदी यानी 5207 लड़कियां और 96.64 फीसदी यानी 6307 लड़के उत्तीर्ण हुए।
सरकारी स्कूलों के 189 विद्यार्थियों में से 187, स्वतंत्र विद्यालयों के 8365 विद्यार्थियों में से 8061, नवोदय विद्यालयों के 1246 विद्यार्थियों में से 1242, केंद्रीय विद्यालयों के 1747 विद्यार्थियों में से 1713 और केंद्रीय तिब्बतियन विद्यालय प्रशासन (सीटीएसए) के 316 में से 300 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
सरकारी स्कूलों के छात्र दूसरे नंबर पर
प्रदेश में नवोदय विद्यालय के बाद सरकारी स्कलों के छात्रों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। नवोदय विद्यालय के 99.76 और सरकारी स्कूलों के 98.94 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की। केंद्रीय विद्यालय के 98.22, सीटीएसए विद्यालय के 96.77 और स्वतंत्र स्कूलों के 96.65 प्रतिशत छात्र सफल रहे।