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दिलों को आपस में जोड़ते हैं त्योहार

locationबैंगलोरPublished: Jun 14, 2019 11:37:42 pm

जमाते इस्लामी हिंद विजयपुर तथा जिला सद्भावना मंच विजयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शहर के शिरडी साईंबाबा मंदिर में ईद स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया।

दिलों को आपस में जोड़ते हैं त्योहार

दिलों को आपस में जोड़ते हैं त्योहार

विजयपुर. जमाते इस्लामी हिंद विजयपुर तथा जिला सद्भावना मंच विजयपुर के संयुक्त तत्वावधान में शहर के शिरडी साईंबाबा मंदिर में ईद स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि व्याख्याता ज. शमीद अली (कुष्टगी) ने कहा कि विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को आपस में लडऩे के बजाय आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए।

कुरान में भी इस बात का उल्लेख है कि रमजान के पवित्र महीने में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी उपवास रखते थे। व्यक्ति में ३० दिनों के इस प्रशिक्षण से अच्छे गुणों का विकास होता है। मनुष्य को उसके दुर्गुणों से यदि कोई बचा सकता है तो वह है परमात्मा। खान-पान का त्याग करना ही रोजा नहीं है, बल्कि इंसान को अपने भीतर की बुराइयों का भी त्याग करने के साथ-साथ इंद्रियों पर नियंत्रण करना रोजे का प्रमुख लक्ष्य है।


कार्यक्रम के प्रारंभ में अंजुमन कॉलेज के प्राचार्य जे.एम.डी. बलगानूर ने कहा कि ईद व अन्य त्योहार आपस में दिलों को जोडऩे में सहायक हैं। इस मौके पर विजयपुर जिला सद्भावना मंच के संचालक शंकर जीरगाल ने कहा कि जमाते इस्लामी ही एक ऐसा संस्थान है जिसने अखंड भारत के विभाजन का विरोध किया था। मंच पर निगम के सदस्य प्रेमानंद बिरादार एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ए.ए. पारसी सहित कई लोग उपस्थित थे।

पर्यावरण संरक्षण के लिए हों जागरूक
कडूरु. हर बच्चे को सालुमरद तिम्मक्का के आदर्शों का पालन करते हुए प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। ये विचार श्रम न्यायालय के अध्यक्ष अधिकारी विनीत शेट्टी ने विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में व्यक्त किए। इस अवसर पर शेट्टी ने पेड़ को जल से सींच कर समारोह का उद्घाटन भी किया।


कार्यक्रम शहर के हिरेमगलूरु सरकारी माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में जिला कानून सेवा प्राधिकरण, जिला वकील संघ, वन विभाग, समाचार व सूचना विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण का महत्व न समझने के कारण बच्चे कई पेड़ों को पहचान भी नहीं पा रहे हैं। शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे बच्चों का विलय दिन में कम से कम आधा घंटा पर्यावरण के साथ करें।

बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित ज्ञान प्रदान करना चाहिए। द्वितीय अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश ए. अरुण कुमारी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस १९७३ से हर साल मनाया जाता है। इसका लक्ष्य पर्यावरण की रक्षा करना है। उन्होंने लोगों से पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में अग्रसर रहने को कहा। जिला वकील संघ के अध्यक्ष एसएस वेंकटेश ने कहा कि शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों में पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।


सहायक वन अधिकारी मुत्तण्णा ने भी पर्यावरण की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया। अध्यक्षता सार्वजनिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक नंजय्या ने की। सार्वजनिक शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय समन्वयक बी.एस. जयराम, मुख्य शिक्षक अशोक सहित सह शिक्षक इस अवसर पर उपस्थित थे।

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