————– पाप की सजा भुगतनी होगी
बेंगलूरु. अजितनाथ जैन संघ नागरथपेट के आराधना भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने प्रवचन में कहा कि हजारों गायों के बीच भी बछड़ा अपनी जन्मदात्री गाय को ढूंढ़ लेता है। सैंकड़ों स्त्रियों के बीच भी नन्हा बालक अपनी माता को ढूंढ़ लेता है। उसी तरह कर्म सत्ता भी अनंत जीवराशि में पाप कर्म के कर्ता को ढूंढ़ लेती है और अवश्य ही सजा देती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान द्वारा निर्मित कम्प्यटर भी कभी किसी कारण से भूल कर सकता है, परंतु कर्मों के कम्प्यूटर में कभी कोई भूल नहीं हो सकती है। किए हुए पाप कर्मों को अवश्यमेव ही जीवात्मा को उसकी सजा भुगतनी ही पड़ती है। बुधवार को सुबह 9:15 बजे समूह सामायिक का आयोजन होगा।
———— सेवा धाम निर्माण का भूमि पूजन भूमि पूजन मुंबई निवासी राजेन्द्र कुमार, रोहित कुमार, रमेश दक परिवार बड़ी सादड़ी ने किया बेंगलूरु. तुमकुरु रोड स्थित पाश्र्व लब्धि धाम के पास जैन दिवाकर रत्न विमल सेवाधाम का भूमि पूजन हुआ। आचार्य जिनचन्द्र सूरीश्वर, वीरेन्द्र मुनि, विराट मुनि ने कहा कि इस निर्माण से वृद्ध साधु-साध्वियों को साधना को बनाए रखने में मदद मिलेगी। भूमि पूजन मुंबई निवासी राजेन्द्र कुमार, रोहित कुमार, रमेश दक परिवार बड़ी सादड़ी ने किया। कैलाशचंद बम्बकी, प्रकाशचंद मेहता, सम्पतलाल बम्बकी, ममता सांखला, रायचंद छाजेड़, किरणराज मरलेचा, विनोद गादिया, सुमेरसिंह मुणोत, केवलचंद गादिया, उत्तमचंद कोठारी, महेंद्र लोढ़ा, निर्मल दलाल, गौतमचंद मुथा, भवरलाल सोनी, सज्जनराज सिंघी, आशा गादिया, दिनेश देनानी चेन्नई, रमेश बोहरा, प्रकाशचंद विनायकिया रहे।