केन्द्रीय दलों ने किया बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा
बैंगलोरPublished: Sep 13, 2018 11:51:09 pm
राज्य प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से 2000 करोड़ रुपए की सहायता मांगी
बेंगलूरु. राज्य के अतिवृष्टि व बाढ़ प्रभावित इलाकों में हुए नुकसान का अध्ययन करने के लिए आई दो अलग-अलग केंद्रीय दलों ने बुधवार को मडिकेरी व दक्षिण कन्नड़ जिलों में निरीक्षण किया।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल मलिक के नेतृत्व में आई टीम में केन्द्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता जितेन्द्र पंवार, केन्द्रीय कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. पोन्नुस्वामी शामिल हैं। इस टीम ने बुधवार को उडुपी, मेंगलूरु, मुल्की, आड्यपाडी, बज्पे व अन्य स्थानों में फसल, आवास, सड़कों व पुलों का निरीक्षण किया और बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं की सुनवाई की। यह दल गुरुवार को भी दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल तालुक मुन्नार पट्टणा विट्ठल पंडनूरु, कणीयूर, कलाजे, सुब्रमण्या, गुंड्या, शिराड़ी घाट व सकलेशपुर के आसपास के घाट सेक्शन का दौरा करके भारी बारिश से हुई क्षति का जायजा लेगा।
दूसरे दल में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के उप सचिव भारतेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप सचिव माणिकचन्द्र पंडित, परिवहन मंत्रालय के प्रादेशिक अधिकारी सदानंद बाबू शामिल हैं। इस दल ने बुधवार को कोडुगू जिले के हारंगी, हट्टीहुले, मुकोन्ड्लू, जंबूरु तथा मडिकेरी के आसपास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और जिले में सड़क, पुल, कॉफी के बागान, मकान, भू-स्खलन से प्रभावित इलाकों में नुकसान का अध्ययन किया। यह दल गुरुवार को भी कोडुबू जिले के सोमवारपेट तालुक का दौरा करके विवरण एकत्रित करेगा। दोनों ही दल बाढ़ के कारण हुई क्षति का अलग-अलग अध्ययन कर रहे हैं और ये संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक करके भी बाढ़ के कारण हुई क्षति के बारे में विवरण एकत्रित करेंगे।
शुक्रवार को दोनों दल बेंगलूरु लौटकर राज्य के मुख्य सचिव विजय भास्कर व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में नुकसान की जानकारी एकत्रित करके दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट पेश करेंगे।
इन अध्ययन दलों की रिपोर्ट के आधार पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली समिति राज्य को दी जाने वाली बाढ़ सहायता के बारे में अंतिम निर्णय करेगी। मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व में राज्य के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से 2000 करोड़ रुपए की सहायता मांगी थी।