इस बीच जिला सचिव वी. अंबू कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भूस्खलन और बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए दीर्घावधि और स्थायी पुनर्वास योजना तैयार करें। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि अब तक हम प्रभावितों को तात्कालिक राहत प्रदान करने में लगे थे, लेकिन अब हमारा ध्यान स्थायी समाधान प्रदान करने की दिशा में होना चाहिए।
राजस्व विभाग के कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया था कि विस्थापित लोगों के लिए आश्रय प्रदान करने से संबंधित प्रारंभिक कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही उन्हें क्षतिग्रस्त सडक़ों को चिह्नित करने और आश्रयों के निर्माण के लिए भूखंड की पहचान करने के लिए कहा गया था।
पुनर्वास व्यवस्था के प्रभारी एडीसी जगदीश ने कहा कि इस प्राकृतिक विपदा के कारण करीब ८५० परिवारों को मकान नष्ट हो गया है और जिला प्रशासन ने अस्थायी आश्रय निर्माण के लिए २३ एकड़ सरारी भूमि चिन्हित की है। यहां ३० गुणा ४० आकार वाले ६०० प्लाट बन सकते हैं। जिला प्रभारी सचिव ने बारिश के कारण फसल के नुकसान के बारे में भी जानकारी दी और संयुक्त निदेशक (कृषि) राजू ने बताया कि जिले में करीब 9,000 हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि फसल नुकसान प्रभावित किसानों को बिना देरी किए मुआवजा वितरित किया जाना चाहिए।
दूरदराज के गांवों में अब तक बिजली बहाल नहीं होने पर बैठक में सीइएससी के अभियंता ने बताया कि कुछ गांवों तक बिजली आपूर्ति बहाल करने में बाधा आ रही है, क्योंकि ढांचागत सुविधाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हालंाकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पंाच से छह दिनों के भीतर सभी गांवों को बिजली से रोशन करने का लक्ष्य रखा गया है। अब भी १४ राहत शिविरों में १४३१ लोग रह रहे हैं।
३९ हजार खाद्यान्न किट वितरित
जिला प्रशासन की ओर से अब तक ३९ हजार से ज्यादा से परिवारों को खाद्यान्न किट वितरित किया जा चुका है जबकि जिले के २९४ जनवितरण दुकानों से राशन वितरण हो रहा है। लोक शिक्षण विभाग के उप निदेशक ने बताया कि जिले में विद्यार्थियों के बीच करीब ३००० पाठ्य पुस्तक का वितरण किया गया है।
जिले के सभी स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रारंभ हो चुका है, लेकिन मन्नगेरी, जोडुपाला और हट्टीहोले के कुछ स्कूलों में अब तक पढ़ाई शुरू करने में बाधा आ रही है। जिले के क्षतिग्रस्त ८५ स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने २.८४ करोड़ रुपए जारी किए हैं।