एक जैसे लक्षण से असमंजस
कुछ चिकित्सक इंतजार किए बिना कोविड जांच करवा रहे हैं तो कुछ चिकित्सक मरीजों को दो-तीन दिन लक्षणों पर निगाह रखने सहित होम आइसोलेशन की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सक मानते हैं कि कोविड और आम फ्लू के लक्षण एक जैसे होने से असमंजस की स्थिति हमेशा रहती है।
डॉ. एस. एम. प्रसाद ने बताया कि ज्यादातर मरीजों का तर्क है कि घर से बाहर नहीं निकलने के बावजूद वे कोविड के लक्षणों से पीडि़त हैं। संक्रमण के सामुदायिक प्रसार से इनकार नहीं किया जा सकता। परिवार के अन्य सदस्यों का बाहर निकलना संक्रमण फैलाने के लिए काफी है। समय रहते कोविड के मरीजों की पहचान के लिए जरूरी है कि फ्लू के मरीजों को भी जांचा जाए।
बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के साथ कार्यरत महामारी रोग विशेषज्ञों के अनुसार सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी आइएलआइ के मरीजों पर विशेष ध्यान है। गंभीर लक्षण वाले मरीजों की रैपिड एंटिजन जांच हो रही है। लक्षण के बावजूद जांच निगेटिव आने पर संबंधितों की आरटी-पीसीआर जांच भी हो रही है।
लक्षण के बावजूद जांच नहीं कराने पर चिंता
एम. एस. रामय्या अस्पताल स्थित फ्लू क्लिनिक के चिकित्सकों ने बताया कि फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सुबह से ही मरीजों की कतार शुरू हो जाती है। फ्लू के लक्षण वाले मरीजों को पहले कुछ दिनों तक लक्षणों पर ध्यान रखने के लिए कहते थे। लेकिन अब ज्यादातर मरीजों को रैपिड एंटीजन जांच की सलाह दे रहे हैं। चिंता उन मरीजों को लेकर है जो लक्षण के बावजूद जांच नहीं करवा रहे। कई मरीज ओवर द काउंटर दवा ले रहे हैं जो खतरनाक साबित हो सकती है।
मौसम जनित एलर्जी में बुखार आम नहीं
कुछ चिकित्सकों का कहना है कि मौसम जनित एलर्जी और कोविड के लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। इंटर्नल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सुधा मेनन ने बताया कि मौसम जनित एलर्जी के मामलों में बुखार आम नहीं है। गले में दर्द, खराश, सिर दर्द, बदन दर्द और बुखार के मरीजों को चाहिए कि फौरन चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सक कहे तो कोविड जांच कराएं।