शहर को लेकर नागरिकों का यह रुख जनाग्रह सेंटर फॉर सिटिजनशिप एंड डेमोक्रेसी की ओर से किए गए सर्वे में सामने आया है। जनाग्रह ने स्थानीय शासन, जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुद्दों, आगामी बीबीएमपी चुनावों से अपेक्षा, शहर के बजट पर जनता की धारणा को मापने के लिए एक सिटी पॉलिटिक्स सर्वे किया। इसमें शहर के मुद्दे शामिल किए गए और पार्षदों के साथ नागरिकों जुड़ाव को लेकर भी प्रश्न पूछे गए।
जनाग्रह ने बेंगलूरु के आठ क्षेत्रों के 27 वार्डों के 503 लोगों से 29 प्रश्न पूछे। सर्वेक्षण 16 दिसंबर, 2021 और 2 जनवरी, 2022 के बीच आयोजित किया गया था और इसमें विभिन्न आयु और सामाजिक-आर्थिक समूहों के लोग शामिल थे।
जनाग्रह ने बेंगलूरु के आठ क्षेत्रों के 27 वार्डों के 503 लोगों से 29 प्रश्न पूछे। सर्वेक्षण 16 दिसंबर, 2021 और 2 जनवरी, 2022 के बीच आयोजित किया गया था और इसमें विभिन्न आयु और सामाजिक-आर्थिक समूहों के लोग शामिल थे।
सर्वेक्षण से पता चला कि पहली बार मतदान करने वाले मतदाता मतदान के लिए उत्सुक हैं। 86 प्रतिशत पहली बार के मतदाताओं ने आगामी बीबीएमपी चुनाव में अपना वोट डालने का इरादा व्यक्त किया। उनकी मुख्य चिंता जलवायु परिवर्तन है और वे चाहते हैं कि इस दिशा में कारगर कदम उठाए जाएं। पहली बार मतदान करने वाले 88प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि मजबूत स्थानीय शासन और एक मजबूत बीबीएमपी ही शहर के बेहतर भविष्य का रास्ता है।
मतदाताओं को निगम के चुनाव की प्रतीक्षा बेंगलूरु में संवाददाताओं से बात करते हुए जनाग्रह में नागरिक भागीदारी के प्रमुख श्रीनिवास अलाविल्ली ने कहा कि बेंगलूरू के मतदाता बीबीएमपी चुनावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमने बीबीएमपी और विशेष रूप से पहली बार मतदाताओं के बारे में नागरिकों की जागरूकता को समझने की कोशिश की। परिणामों से पता चला कि बहुत कम लोग बीबीएमपी, वार्ड पार्षदों, वार्ड समितियों आदि की भूमिका को समझते हैं, लेकिन वोट देने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि निकाय चुनाव उन रोजमर्रा के मुद्दों के आधार पर कराए जाएं जो उन्हें प्रभावित करते हैं। युवाओं का कहना था कि मीडिया को बीबीएमपी चुनावों को उतना ही महत्व देना चाहिए जितना वे राज्य या राष्ट्रीय चुनावों के लिए देते हैं।
janagrah की सपना करीम बताती हैं कि बेंगलूरु के नागरिकों और मतदाताओं का एक बड़ा प्रतिशत चलने योग्य फुटपाथ, साफ-सफाई, एक कुशल आवागमन, स्वच्छ पानी और अन्य नागरिक मुद्दों के बीच जलवायु और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने पर ध्यान देने की जरूरत महसूस करता है।
सही प्रतिनिधियों के चुनाव से होगा समाधान
सही प्रतिनिधियों के चुनाव से होगा समाधान
जनाग्रह में नागरिक भागीदारी के कर्नाटक प्रमुख मंजूनाथ हम्पापुरा एल ने कहा कि बीबीएमपी चुनाव अगले पांच वर्षों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमें उम्मीद है कि हमारा सर्वेक्षण राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का ध्यान नागरिकों की जरूरतों की ओर खींचेगा। वे कहते हैं कि बेंगलूरु दुनिया के सबसे अच्छे शहरों में से एक है और सही प्रतिनिधियों का चुनाव करके नागरिक हमारे शहर को चुनौतियों से पार पाने में मदद कर सकते हैं।
- सर्वे के कुछ अहम निष्कर्ष
-बेंगलुरू के 83 फीसदी मतदाताओं ने बीबीएमपी चुनाव शहर के नागरिक और बुनियादी ढांचे की जरूरतों व समस्याओं के आधार पर लडऩे की अपील की।
-सर्वे में शामिल लोगों में से 88प्रतिशत अपने वार्ड पार्षद से कभी नहीं मिले। 87प्रतिशत वार्ड समिति की बैठकों से अनजान हैं, 95प्रतिशत ने कभी वार्ड समिति की बैठक में भाग नहीं लिया और 22 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने किसी मुद्दे को हल करने के लिए विधायक से संपर्क किया था। इसकी तुलना में सिर्फ 12 फीसदी लोग ही पार्षद से मिले हैं।
-87 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि एक मजबूत पार्षद उनके बच्चों के लिए बेहतर सेवाएं और बुनियादी ढांचे में सुधार सुनिश्चित करेगा।
-वहीं, 82 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि बीबीएमपी और नागरिक एजेंसियों बेसकॉम, बीडब्ल्यूएसएसबी, बीएमटीसी आदि के बीच समन्वय बेहतर शहर शासन में योगदान देगा।
-23 प्रतिशत ने पदयात्रियों के लिए फुटपाथ को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया। इसके बाद 20 प्रतिशत ने कचरा संग्रह, 16प्रतिशत यातायात भीड़ और 15प्रतिशत ने स्वच्छ पानी की उपलब्धता की कमी का हवाला दिया।
-89 प्रतिशत मतदाताओं ने पर्यावरण के मुद्दों और जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंता जताई।