चारित्र जीवन का अनमोल धन है-साध्वी डॉ. कुमुदलता
बैंगलोरPublished: Oct 12, 2019 04:22:20 pm
नवपद की आराधना महाभयंकर रोग मिटाकर अक्षय सुख प्रदान करती है- साध्वी.डॉ पद्मकीर्ति
चारित्र जीवन का अनमोल धन है-साध्वी डॉ. कुमुदलता
बेंगलूरु. वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में चातुर्मास कर रही अनुष्ठान आराधिका साध्वी डॉ. कुमुदलता की निश्रा में साध्वी पद्मकीर्ति ने नवपद आयंबिल ओली की नौ दिवसीय आराधना के आठवें दिन ‘णमो चारितस्स ‘की आराधना के साथ श्रीपाल मैनासुंदरी के चरित्र का वाचन एवं सुंदर विवेचन किया। उन्होंने कहा कि जैन शास्त्रों की दृष्टि और तपोधन के प्रभाव से अनेक भवों के संचित पाप कर्म का नाश होता है। पुण्य की समृद्धि होती है और अनेक प्रकार की लब्धियां प्राप्त होती हैं। धर्म की शरण में नवपद की आराधना मंगलकारी, कल्याणकारी है। नवपद की आराधना जन्म-जरा-मृत्यु के महाभयंकर रोग को मिटाकर अक्षय सुख प्रदान करती है। नवपद ओली की आराधना साधना से साधक के जीवन में आने वाले सारे संकट भय टल जाते है एवं बाधाएं दूर हो जाती हैं। श्रीपाल चरित्र की अनंत सम्पदा व सुख में उनकी माता कमलप्रभा के दिए हुए संस्कार भी महत्वपूर्ण है। हमें भी अपने माता-पिता के उपकारों को कभी भूलना नहीं चाहिए एवं उनके दिए हुए संस्कारों की जीवन में परिपालना करते रहना चाहिए।
साध्वी कुमुदलता ने नवकार महामंत्र के आठवें पद की व्याख्या करते हुए कहा कि चारित्र जीवन का अमूल्य धन व धरोहर है। जीवन का सबसे बड़ा धन यदि कुछ है तो वह मनुष्य का चरित्र धन है। जो संस्कारों की पवित्रता से ही प्रकट होता है। महान बनने के लिए महापुरुष बनने के लिए व्यक्ति को चरित्र एवं पुरुषार्थ की कसौटी पर कसा जाता है। जितने भी महापुरुष हुए, उन सभी ने अपने बाल्यकाल से ही चरित्र की रक्षा का ध्यान रखा। चरित्र मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति तथा सम्पदा है। संसार की अनंत संपदाओं का स्वामी होने पर भी यदि कोई चरित्रहीन हैं तो वह हर अर्थ में विपन्न ही माना जाएगा। हर मनुष्य का कर्तव्य है कि वह हर कदम पर अपने चरित्र की रक्षा करें। इस मानव जीवन में चरित्र ही उपलब्धि है। अनेक श्रद्धालुओं ने सम्यक चारित्रय पद की विधिवत आराधना कर पुण्यार्जन किया। साध्वी राजकीर्ति ने नवपद ओली के आयंबिल तप आराधको को विधिवत आराधना कराई। साध्वी महाप्रज्ञा ने भजन प्रस्तुत किया। प्रचार प्रसार मंत्री नेमीचंद दलाल ने बताया कि इस मौके पर वर्षावास समिति के पदाधिकारियों ने मुंबई से प्रकाश जैन, सुनील जैन, चेन्नई से अजय दुग्गड़ व अन्य नगरों से पधारे हुए अतिथियों एवं कन्नड़ फिल्म निर्माता श्रेयांस का सम्मान किया। श्रीमद् उत्तराध्ययन सूत्र आराधना का आयोजन साध्वी वृंद के सान्निध्य में 14 अगस्त से प्रात: 8.45 बजे से शुरू होगा।